प्रयागराज (ब्‍यूरो)। यूनिवर्सल ह्यूमन वेलफेयर सोसायटी व फखरुद्दीन अली अहमद कमेटी की ओर से स्थानीय हिन्दुस्तानी अकेडमी में मिर्जा गालिब व अल्लामा इकबाल को समर्पित भारतीय एकता पर आधारित सेमिनार व मुशायरे में शायरों ने एक से बढ़ कर एक नगमे पढ़े। आयोजक शफकत अब्बास पाशा के संयोजन में मुशायरे व सेमिनार की मुख्य अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो शबनम हमीद , पूर्व महाधिवक्ता कमरुल हसन सिद्दीकी, आचार्य पंडित शिवेन्द्र सारस्वत व मदर टेरेसा फाउण्डेशन के राष्ट्रीय महासचिव मो शारिक का शॉल ओढ़ाकर व मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया। एमए अंसारी के संचालन में हुए प्रोग्राम की शुरुआत देशभक्ति गीत से हुई।

सारे जहां से अच्छा
शायर नायाब बलियावी, जलाल फूलपूरी, मिस्बाह इलाहाबादी, रुस्तम साबरी, हुमा अकसीर, शाकिर हुसैन तशना कानपूरी, असलम आरिस, निलीमा मिश्रा, वन्दना शुक्ला, अनम बिजनौरी, बख्तियार युसुफ, नातिक गाजीपुरी, हसन जौनपुरी, अशरफ उन्नावी आदि ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्य अतिथि शबनम हमीद ने अल्लामा इकबाल को उर्दू और फारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की सर्वश्रेष्ठ शायरी और प्रसिद्ध कविताओं का जिक्र करते हुए याद किया। कमरुल हसन सिद्दीकी ने अल्लामा इकबाल के देशभक्तिपूर्ण तराना ए हिन्द का जिक्र करते हुए सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा को पढ़ा।

मिर्जा गालिब को श्रद्धांजलि
विशिष्ट अतिथि मो शारिक ने मिर्जा गालिब का शेर कटी हुई टहनियां कहां छांव देती हैं, हद से ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव देती हैं। पढ़ कर मिर्जा गालिब को श्रद्धांजलि अर्पित की। शौकत अली, एसए खान, इफ्तेखार आलम ने आभार व्यक्त किया। प्रोग्राम में 52 समाजसेवियों व अपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले योद्धाओं को स्मृतिचिह्न भेंट कर व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इसमें रजा अब्बास जैदी, मधुकर मिश्रा, वजीर खान, सरदार चरणजीत सिंह, श्रीमती मंजू, रवीन्द्र यादव, आलोक दुबे, शहंशाह सोनवी ,आसिफ उस्मानी , सैय्यद मोहम्मद अस्करी , राजेन्द्र यादव , जफ़रुल हसन आदि रहे।