प्रयागराज (ब्यूरो)।तीक अहमद के राजदार रहे अधिवक्ता खान सौलत हनीफ के बरामद मोबाइल से कई अहम जानकारियां पुलिस के हाथ लगी हैं। मिली जानकारी की बाबत उससे फिर पूछताछ किए जाने की जरूरत पुलिस को महसूस हुई थी। इसके लिए उसे बुधवार को एक बार फिर पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए अर्जी कोर्ट में दी गई। मंगलवार को दी गई अर्जी पर कोर्ट के द्वारा बुधवार को सुनवाई गई। सुनवाई के बाद अदालत के द्वारा खान सौलत हनीफ को महज चार घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की गई। आदेश के अनुरूप दूसरे पहर तीन बजे पुलिस के द्वारा नैनी सेंट्रल जेल से उसे कस्टडी रिमांड पर लिया गया। इस बीच उसके मोबाइल में मिले कई तथ्यों की बाबत उमेश पाल मर्डर केस के विवेचक धूमनगंज थाना प्रभारी द्वारा पूछताछ की गई। कस्टडी रिमांड की टाइमिंग पूरी होने के बाद पुलिस के जरिए काल्विन हॉस्पिटल में उसका मेडिकल कराया गया। इसके बाद फिर पुलिस उसे नैनी सेंट्रल जेल में दाखिल कर दी।
नैनी जेल में काट रहा कोर्ट से मिली सजा
राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल का 2006 में अपहरण हो गया था। इस अपहरण में अतीक अहमद व अशरफ व अतीक के अधिवक्ता खान सौलत हनीफ सहित 11 लोगों के खिलाफ 2007 में धूमनगंज थाने में केस दर्ज हुआ था। इस मामले में 28 मार्च को कोर्ट के द्वारा आरोपित अतीक अहमद व खान सौलत हनीफ एवं दिनेश को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके पूर्व 24 फरवरी को उमेश पाल की सुलेमसराय जयंतीपुर में शूटरों के द्वारा हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल की पत्नी जया पाल के द्वारा अतीक अहमद व अशरफ एवं शाइस्ता परवीन व अतीक के बेटों और सहयोगियों पर केस दर्ज हुआ था। उमेश पाल मर्डर केस में पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड पर लिए गए अतीक अहमद व अशरफ की तीन शूटरों ने काल्विन गेट पर 13 अप्रैल को हत्या कर दी थी। जबकि सजायाफ्ता बंदी अतीक के अधिवक्ता खान सौलत हनीफ व दिनेश नैनी जेल में सजा काट रहे हैं।
कानूनी सलाह देते थे अतीक को
अधिवक्ता खान सौलत हनीफ अतीक अहमद के आपराधिक साम्राज्य को विस्तार देने में कानूनी सलाह दिया करता था। बताते हैं कि अतीक का वह न सिर्फ अधिवक्ता बल्कि राजदार भी था। इसीलिए उमेश पाल मर्डर केस के विवेचक धूमनगंज थाना प्रभारी द्वारा दो मई को उससे पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड अर्जी दी गई थी। सात दिनों के लिए पुलिस के लिए कस्टडी रिमांड की याचना कोर्ट से की गई थी। सुनवाई के बाद अदालत के द्वारा उसे 12 घंटे के लिए कस्टडी रिमांड की मंजूरी दी गई थी। इस पूछताछ में वह पुलिस को अपने घर में छिपाए गए तीन मोबाइल और एक कंट्री मेड पिस्टल बरामद कराया था। बरामद मोबाइल की पुलिस के द्वारा एक्सपर्ट से जांच कराई गई। सूत्र बताते हैं कि उसके मोबाइल में उमेश पाल मर्डर केस से जुड़े कुछ साक्ष्य पुलिस के हाथ लगे हैं। इस बाबत पूछताछ के लिए पुलिस के द्वारा फिर उसे कस्टडी रिमांड पर लेने की अर्जी मंगलवार को कोर्ट में दी गई थी। बताते हैं कि इस बार सुनवाई के बाद अदालत ने खान सौलत हनीफ को सिर्फ चार घंटे के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड देने का आदेश पारित किया। आदेश के अनुपालन में पुलिस बुधवार को दूसरे पहर तीन बजे से शाम सात बजे तक के लिए कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की। विवेचक के द्वारा मोबाइल में मिले तथ्यों की बाबत उससे पूछताछ की गई। हालांकि उन तथ्यों के बारे में वह पुलिस को सिर्फ इतना बनाया कि वह अतीक का वकील रहा। इसलिए कुछ जानकारियां वे अतीक से मैसेज व कॉल के जरिए मुकदमे के लिए शेयर कर लिया करता था। बहरहाल विवेचक राजेश सिंह मौर्या ने कहा कि वह कुछ बताने से कतराता रहा। चार घंटे तक की गई पूछताछ में कोई ऐसी जानकारी नहीं मिल पाई जिससे उमेश पाल मर्डर केस में पुलिस को बहुत मदद मिल सके। शाम सात बजे के बाद उसका मेडिकल कराने के बाद पुलिस फिर नैनी सेंट्रल जेल में दाखिल कर आई।
खान सौलत हनीफ को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए पुलिस द्वारा दी गई अर्जी पर सुनवाई की गई। इसके बाद चार घंटे उसे कस्टडी रिमांड लेने का आदेश कोर्ट के द्वारा दिया गया था। आदेश था कि पूछताछ के बाद उसे सीधे नैनी जेल में दाखिल किया जाय।
गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी