हरिद्वार में हुई थी दोनों की मुलाकात, कहा था, मौत से हासिल हो जाएगी दैवी शक्ति
गुरु के जिंदा हो उठने के भरोसे पर विश्वास करके शिष्य ने रेत दिया था गला
प्रयागराज (ब्यूरो)। गिरफ्तार किये गये युवक का नाम नितीश सैनी है। वह मूल रूप से हरिद्वार जिले के लश्कर थाना क्षेत्र के निरंजनपुर गांव का रहने वाला है। पुलिस ने उसे हरिद्वार से ही गिरफ्तार किया और प्रयागराज लेकर आयी। कड़ी पूछताछ के दौरान उसने कत्ल और उसके पीछे की पूरी कहानी बतायी तो पूछताछ करने वाले अफसरों के रोंगटे खड़े हो गये। शुक्रवार को अपर पुलिस उपायुक्त यमुनानगर ने पूरी घटना का खुलासा किया गया। पुलिस के अनुसार नितिश सैनी पुत्र यशपाल सैनी बेहद साधारण परिवार से विलांग करता है। नितिश अपने कॅरियर को लेकर काफी परेशान रहा करता था। छह सात महीने पूर्व आशीष दीक्षित हरिद्वार गया। वहां हर की पौड़ी पर गंगा स्नान के वक्त नितिश की मुलाकात आशीष हुई थी।
बाबा के वेश में रहता था आशीष
आशीष हरिद्वार में बाबा के वेश में रहता था। आशीष के बातचीत के अंदाज से नितीश उससे प्रभावित हुआ और मिलने-जुलने लगा। आशीष ने नितिश को पूजा पाठ और दैवीय शक्तियों के बारे में बताया। नितिश ने उसे बताया कि वह सिद्धी के जरिए दैवीय शक्तियां हासिल करने के लिए धार्मिक स्थलों का भ्रमण और आराधना कर रहा है। भरोसा दिलाया कि दैवीय शक्ति की सिद्धि मिलने पर वह उसकी तकदीर बदल देगा। उसकी बातों से प्रभावित नितीश हरिद्वार में ही आशीष के साथ किराए के कमरे में रहने लगा। उसके चक्कर में नितीश अपनी प्राइवेट जॉब भी छोड़ दिया। आशीष के झांसे में उसे विश्वास हो चला था कि एक दिन दैवीय शक्ति उसकी तकदीर बदल देगी। साथ आने के बाद नितिश के सारे खर्चे आशीष ही उठाया करता था। यह बात नितीश की पत्नी को मालूम चली तो उसने घरवालों के सामने इसका खुलासा कर दिया। घर वालों को इस तरह की बातों और सिद्धी पर भरोसा नहीं था तो उन्होंने नितीश का विरोध किया। पुलिस के मुताबिक पारिवारिक दबाव में नितीश ने दूरी बनाने की कोशिश की तो आशीष उस पर खर्च किए गए रुपयों की मांग करने लगा। निरीश उसे परिस्थितियां सुधरने पर वापस कर देने का भरोसा दिलाता रहा। कुछ दिन नितिश सैनी दोस्त आशीष के साथ हरिद्वार से वाराणसी व कानपुर गया। वहां दोनों होटल में ठहरे। कुछ दिन बाद फिर दोनों प्रयागराज आकर होटल में साथ ठहरे।
आठ को किया था विंध्याचल में दर्शन
नितीश के अनुसार दोनों आठ दिसंबर को विंध्याचल पहुंचे और माता रानी का दर्शन किया। दर्शन करने के बाद विंध्याचल से दोनों लौटे और करछना एरिया के गधियांव में हाईवे के किनारे बसवार के पास रुके। यहां आशीष ने नितीश सैनी से कहा कि उसे सिद्धि प्राप्त करनी है। भरोसा दिलाते हुए कहा कि यदि तुम मुझे मार दोगे तो मैं सिद्धि प्राप्त कर लूंगा। इसके साथ ही यह भी जोड़ा कि मरने के बाद फिर जीवित होगा और दैवीय शक्तियां हासिल करके लौटेगा। इन शक्तियों के सहारे वह उसकी तकदीर बदल देगा। आशीष के लाख करने के बावजूद नितीश उसकी हत्या करने को तैयार नहीं था।
महाभारत के प्रसंग से किया मोटीवेट
नितीश का रुख जानने के बाद भी आशीष उसे पटाने में लगा रहा। नितीश के अनुसार आशीष ने उसे हत्या के लिए तैयार करने को यूट्यूब पर महाभारत का एक प्रसंग दिखाया। इसमें बर्बरीक व ऋषि की कहानी थी। जिसमें एक व्यक्ति का सिर कट जाने के बाद भी वह दैवीय शक्तियों से जीवित हो जाता है। आशीष ने नितीश से कहा कि पूजा बाद जब वे लेट जाय तो वह उसे हिला कर देख ले। शरीर में कोई हलचल न हो तो चापड़ से गला काट दे। वीडियो देखने के बाद नितीश उसके प्रभाव में आ गया और ठीक वैसा ही किया जैसा आशीष उससे कहा। पूजा के दौरान आशीष बसवार में लेटा तो नितिश चापड़ से उसका गला काट दिया। उसके रक्त से अपने माथे पर तिलक लगाया और फिर मंत्रोच्चार के साथ चापड़ व अन्य पूजन सामग्री अरैल घाट पर गंगा में फेंक दिया। पूजा पर बैठने के पहले आशीष ने शराब के साथ ही कुछ नशीली दवाओं का सेवन भी किया था।
हरिद्वार में कर रहा था इंतजार
आशीष ने कहा था कि गला काटने के बाद गंगा में सारा सामान फेंक कर वह रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां यदि घंटे भर में जीवित होकर वह नहीं पहुंचे तो हरिद्वार चला जाय। कत्ल के बाद नितीश ने काफी देर तक स्टेशन पर आशीष का इंतजार किया। यहां से निराश होने के बाद वह हरिद्वार चला गया। चूंकि आशीष कहा था कि वह जीवित होकर कामाख्या का दर्शन करके हरिद्वार पहुंचेगा। इसलिए वह घर पर उसके जीवित होकर लौटने का इंतजार कर रहा था। आशीष तो नहीं आया लेकिन पुलिस जरूर उसके घर पहुंच गयी। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किये गये चापड़ को बरामद कर लिया है।
कातिल तक इस तरह पहुंची पुलिस
पुलिस उपायुक्त यमुनानगर ने बताया कि आशीष मर्डर केस में नामजद किए गए मुकेश पाल से कत्ल का कोई क्लू नहीं मिला। इस बीच सर्विलांस प्रभारी शांतनु चतुर्वेदी, करछना थाना प्रभारी विश्वजीत सिंह एवं सीओ करछना को आशीष की कॉल डिटेल निकालकर अध्य्यन करने का टॉस्क दिया गया। टीमें जांच में जुटीं तो मालूम चला कि जिस लोकेशन पर आशीष था वहीं नितीश सैनी का भी मोबाइल एक्टिव था। दोनों की मौजूदगी की टाइमिंग भी सेम थे। इसके बाद पुलिस ने नितीश के मोबाइल का सिम खरीदने के लिए इस्तेमाल किये गये डाक्यूमेंट्स को चेक किया। एड्रेस सही था तो पुलिस तलाश करते हुए हरिद्वार में उसके गांव पहुंच गयी। यहां वह घर पर ही मौजूद मिल गया। उसने जो कुछ भी बताया उसे पुलिस ने क्रास चेक किया तो लीडर रोड पर जिस होटल में रुके थे वहां से दोनों की आईडी बरामद हो गयी। वाराणसी के जिस होटल में रुके थे वहां की डिटेल चेक करने के लिए टीमें भेजी गई हैं।
मृतक की पत्नी ने बताया था कि आशीष हरिद्वार में काफी दिनों तक रहा। कॉल डिटेल में आशीष के नंबर की लोकेशन के साथ अभियुक्त नितीश का नंबर परमानेंट शो कर रहा था। इसके बाद पुलिस ने नितीश को उठाया और पूछताछ की तो पूरी घटना खुलकर सामने आ गयी। नितीश को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया है।
सौरभ दीक्षित पुलिस उपायुक्त यमुनानगर