प्रयागराज ब्यूरो । निषाद के परिजन पोस्टमार्टम हाउस पर बिलखते रहे। वर्ष 2018 बैच का कांस्टेबल संदीप की हत्या से पूरे परिवार संग पुलिस महकमे में भी गम का माहौल रहा। उसकी पत्नी रेनू उर्फ रीमा पर तो मानों विपत्ति का पहाड़ ही टूट पड़ा। हॉस्पिटल में एडमिट सिपाही राघवेंद्र सिंह के परिजन भी घटना से आहत दिखे।

संदीप के नहीं है कोई बच्चा

आजमगढ़ जिले के विसईपुर हरौला निवासी संतराम निषाद के तीन बेटों में मारा गया गनर संदीप निषाद दूसरे नंबर पर था। अपनी कड़ी मेहनत के बल पर वह वर्ष 2018 में पुलिस विभाग का हिस्सा बना। बतौर कांस्टेबल उसकी नौकरी लगने पर परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। बेटा नौकरी हासिल किया तो संतराम निषाद का सीना चौड़ा हो गया। नौकरी पाने के बाद पिता ने उसकी शादी 2021 में रीमा से कर दी। शादी के बाद उसे कोई बच्चा नहीं है। छह महीने पहले ही उसकी ड्यूटी उमेश पाल की सुरक्षा में लगाई गई थी। उसका भाई प्रदीप तैयारी करता है। दीपचंद्र प्राइवेट काम से परिवार का भरण पोषण करता है। संदीप निषाद पुलिस नौकरी से पूरे परिवार की आर्थिक मदद किया करता था। एसआरएन हॉस्पिटल में एडमिट गोली से घायल उमेश पाल के दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह पुत्र स्व। रामसुमेर सिंह की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। वह रायबरेली जिले के लालगंज कोडि़हर गांव का निवासी है। राघवेंद्र के पिता भी सिपाही थे। बीमारी से उनकी मौत के बाद पिता की जगह ही राघवेंद्र पुलिस भाग में नौकरी पाया था।

परिवार को संभाला, भाई को अफसर बनाना चाहता था संदीप

संदीप की पहली पोस्टिंग प्रयागराज हुई। छह माह पहले ही उसे उमेश पाल का गनर नियुक्त किया गया था। संदीप के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। संदीप नौकरी पाया तो उसने घर को संभाला। बड़े भाई प्रदीप निषाद को वह पुलिस अफसर बनाना चाहता था। छोटा भाई दीपचंद निषाद पिता के साथ खेती में सहयोग करता है।