प्रयागराज (ब्‍यूरो)। दो दिन पूर्व इलाज के दौरान एसआरएन हॉस्पिटल में उसकी हालत गंभीर हो गई थी। हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों के जरिए उसे इलाज के लिए लखनऊ रेफर किया गया था। शाम को उसके दम तोडऩे की खबर जिले में पहुंची तो पुलिस अफसर सन्नाटे में आ गये। घटना में एक और साथी के मौत की खबर से पुलिस कर्मियों में दिल में गम के साथ गुस्से का भी गुबार उठने लगा। राघवेंद्र के दम तोडऩे की खबर से जिले के लोग भी गमजदा हो गए। ट्रिपल मर्डर की घटना को लेकर शूटरों के प्रति पब्लिक में भी आक्रोश बढऩे लगा।

रायबरेली का रहने वाला था जवान
लखनऊ में दम तोडऩे वाला कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह रायबरेली कौडि़हर लालगंज निवासी स्व। राम सुमेर सिंह का बेटा था। छह महीने पूर्व उसकी ड्यूटी बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस के गवाह उमेश पाल की सुरक्षा में लगाई गई थी। उसके साथ संदीप निषाद भी उमेश पाल का ही गनर था। दोनों उमेश पाल की सुरक्षा में मुस्तैद थे। बताते चलें कि 24 फरवरी को उमेश कचहरी से दोनों गनर के साथ घर लौट रहा था। उसकी गाड़ी धूमनगंज सुलेमसराय स्थित जयंतीपुर मोहल्ले में घर के सामने रुकी। उसकी कार के रुकते ही घात लगाकर बैठक शूटरों ने गोलियों की बौछार शुरू कर दी। घेरकर चारों तरफ से की गई फायरिंग व बमबाजी में उमेश पाल व उसके गनर संदीप निषाद उसी दिन दम तोड़ दिया था।

गोली लगने से गनर राघवेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया था। एसआरएन हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा था। मगर हालत गंभीर बनी हुई थी। यह देखते हुए डॉक्टरों के जरिए उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया। ग्रीन कारिडोर बनाकर कड़ी सुरक्षा के बीच उसे लखनऊ ले जाया गया। वहां उसका इलाज चल रहा था। पांच दिनों तक जिंदगी और मौत से जंगल लड़ रहा कांस्टेबल राघवेंद्र छठे दिन दम तोड़ दिया। हॉस्पिटल में कांस्टेबल रघवेंद्र की मौत की खबर जिले में पहुंचते साथी पुलिस कर्मियों के साथ पब्लिक के लोग भी गमजदा हो गए। इस तरह घटना में मारे गए लोगों की संख्या उमेश पाल सहित दो गनर कुल तीन हो गई है।

घटना में घायल कांस्टेबल इलाज के दौरान लखनऊ में दम तोड़ा है। इस बात की सूचना लखनऊ से प्राप्त हो चुकी है।
राकेश कुमार मौर्य थाना प्रभारी धूमनगंज