प्रयागराज ब्यूरो । राजरूपपुर एरिया के साठ फीट रोड पर अतीक के करीबी सफदर अली का दो मंजिला मकान गुरुवार को पीडीए ने बुलडोजर से ढहा दिया। आरोप है कि बिना नक्शा पास कराये ही करोड़ों रुपये की लागत से सफदर ने दो मंजिला मकान का निर्माण कराया था। सफदर पीडीए की कार्रवाई के दौरान घर छोड़कर नहीं गये बल्कि स्पॉट पर ही मौजूद रहे। सफदर का कहना था कि न अतीक से उनका कोई लेना देना है और न ही उमेश पाल की हत्या से उनका कोई सरोकार है। उसके बेटा और बहू को घर से बाहर निकालने के लिए पुलिस को खासी कशक्कत करनी पड़ गयी।

घर से नहीं निकल रहे थे बेटा-बहू
उमेश पाल हत्याकांड के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में एलान किया था कि माफियाओं को मिट्टी में मिला दिया जायेगा। इसी क्रम में जेल में बंद पूर्व सांसद एवं माफिया अतीक अहमद के करीबी चकिया निवासी जफर अहमद का दो मंजिला मकान मंगलवार को जमींदोज कर दिया गया। गुरुवार को जिला प्रशासन, पीडीए एवं नगर निगम की संयुक्त टीम राजरूपपुर एरिया के साठ फीट रोड पर पहुंची थी। सफदर गन हाउस संचालक है। पीडीए का कहना है कि मकान का निर्माण नक्शा पास कराये बगैर कराया गया था। इस पर नोटिस जारी की गयी थी लेकिन उसे सफदर ने इग्नोर कर दिया था। मौके पर पहुंची टीम ने सफदर को सारा सामान निकालने की चेतावनी दी और आग्रह किया कि परिवार के सभी सदस्य घर से बाहर आ जाएं। चेतावनी के बाद भी सफदर के बेटे और बहू अंदर घुस गये। उन्होंने बाहर निकलने से मना कर दिया। इस पर पुलिस ने अंदर जाकर सबको जबरन बाहर निकाला। इसके बाद मकान तोडऩे की कार्रवाई शुरू हुई।

21 साल पहले बनवाया था मकान
प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि मकान बिना नक्शा पास कराए बनाया गया है। इसको लेकर लगातार नोटिस दी जा रही थी, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं दिया गया। 28 फरवरी को नोटिस देकर ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया गया है। वहीं, सफदर का कहना है कि उसने वर्ष 2002 में मकान बनवाया था। मकान उसके बेटों के नाम पर है फिर मुझे कैसे नोटिस दे सकते हैं। कहाकि, उसका अतीक से कोई संबंध नहीं है। न ही उमेश पाल हत्याकांड में उसके परिवार के सदस्य का हाथ है। चर्चा है कि अतीक को शस्त्र एवं कारतूस देने के मामले में कार्रवाई की गयी है। दूसरी ओर पुलिस के रिकार्ड में सफदर अली का कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं मिली है, लेकिन जांच में सामने आया है कि उमेश हत्याकांड को अंजाम देने के बाद शूटरों को यहां पनाह मिली थी।