विभागीय योजना से अन्जान व्यापारियों ने बना रखी है दूरी
जिले के वह व्यापारी जो जीएसटी में पंजीकृत हैं वह दस लाख रुपए मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना से कवर्ड हैं। इस बात की जानकारी जिले के अधिकांश व्यापारियों को नहीं होने से वे इसका लाभ नहीं ले पाते। यही कारण है कि किसी प्रकार की अनहोनी होने पर व्यापारी या उनके परिजन इस योजना का क्लेम नहीं कर पाते और लाभ से वंचित रह जाते हैं। बता दें कि जिले ही नहीं प्रयागराज मंडल के हजारों व्यापारी जानकारी के अभाव में इस योजना का लाभ प्राप्त नही कर पा रहे हैं।
क्या है यह योजना
अगस्त 2000 में प्रदेश सरकार ने वैट में पंजीकृत व्यापारियों के लिए मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना लागू की थी। फिर जीएसटी लागू होने के बाद जून 2018 से यह योजना पुन: लागू कर दी गई। इसके तहत जीएसटी में पंजीकृत व्यापारी की हत्या, मृत्यु, आंशिक दिव्यांगता या पूर्ण विकलांगता होने पर उसे क्लेम दिया जाएगा। इस बीमा योजना की राशि दस लाख रुपए है। वर्तमान में जिले के 55 हजार और मंडल के 85 हजार व्यापारी इस योजना से कवर्ड हैं।
पांच से दस लाख बढ़ा दी गई थी राशि
अक्टूबर 2017 में उप्र सरकार ने योजना में राशि की सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर दस लाख कर दिया था। साथ ही इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी भी सेलटैक्स विभाग को सौंपी गई है। अगर कोई घटना होती है तो बीमित व्यापारी की सूचना सीधे मुख्यालय भेजी जाएगी और यह जिम्मेदारी पूरी तरह से सेल टैक्स विभाग की होगी। इसके लिए आश्रित को पंजीकृत व्यापारी के साथ हुई घटना की सूचना विभाग को देनी होगी।
सीएमओ के प्रमाण पत्र से तय होगी दिव्यांगता
दुर्घटना होने के बाद अगर व्यापारी आंशिक या पूर्ण रूप से विकलांग होता है तो इसका क्लेम भी बीमा योजना के तहत दिया जाएगा। इसके लिए सीएमओ के द्वारा जारी प्रमाण पत्र में दिव्यांगता का प्रतिशत जारी किया जाएगा। इसके आधार पर ही दस लाख रुपए की राशि का प्रतिशत व्यापारी को उपलब्ध करा दिया जाएगा। हालांकि अधिकतम व्यापारियों को इस नियम की भी सूचना नही है।
जो भी व्यापारी जीएसटी में पंजीकृत हैं वह अपने आप बीमित हो जाते हैं। अगर उनको जानकारी है तो किसी प्रकार की अनहोनी होने पर वह या आश्रित इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
महेंद्र गोयल, प्रदेश अध्यक्ष, कैट
व्यापारियों में जागरूकता की जबरदस्त कमी है। उनको अपने हक की जानकारी नहीं है। जबकि इस योजना को वैट के समय से लागू किया गया था।
संदीप केसरवानी, व्यापारी
जिले में हजारों की संख्या में व्यापारियों को इस योजना के बारे में बताया जा रहा है। जानकारी दी जा रही है कि
आप जीएसटी में पंजीकरण के साथ बीमा योजना से भी कवर्ड हो गए हैं।
अन्नू पांडेय, व्यापारी
आज भी सैकड़ों व्यापारी ऐसे हैं जिनको योजना की जानकारी नहीं है। इसके चलते अनहोनी होने के बाद भी वह क्लेम नहीं कर सके हैं। इससे उनको काफी नुकसान पहुंचा है।
अनिल गोयल, व्यापारी