प्रयागराज (ब्यूरो)बच्चे बड़े हो रहे हैं, उन्हें डांटिए मत। उन्हें समझाइए और समझने की कोशिश कीजिए, एक दोस्त की तरह। वरना बच्चे कोई भी कदम उठा सकते हैं। ऐसे की एक मामला सामने आया है। जिसमें काटजू कॉलोनी से एक डाक्टर का बेटा अपने साथी के साथ लापता हो गया। पता चला कि मां ने बेटे को पढ़ाई के लिए डांटा था। जिससे वह नाराज हो गया। वह घर से खेलने के लिए निकला, मगर लौटा नहीं। शाम तक वह नहीं लौटा तो घरवाले परेशान हुए। उसके पास मोबाइल था, मगर वह स्विच ऑफ था। रात भर परेशान रहे परिवार ने कर्नलगंज थाने में केस दर्ज कराया। इस दौरान पता चला कि डाक्टर के बेटे के साथ उसका साथी भी लापता है। लखनऊ से एक होटल संचालक ने फोन करके जानकारी दी कि दो बच्चे उन्हें मिले हैं। जिस पर परिजन पुलिस के साथ दोनों को लखनऊ से वापस ले आए।

मां की फटकार पर हुआ नाराज
काटजू कॉलोनी में रहने वाले आशीष शुक्ला होम्योपैथ के डॉक्टर हैं। काटजू कॉलोनी में वह परिवार के साथ रहते हैं। उनका 14 वर्षीय बेटा कार्तिकेय कक्षा आठ में पढ़ता है। घटना 23 जुलाई की है। दोपहर में कार्तिकेय घर पर था। वह टीवी देख रहा था। जिस पर मां ने उसे पढऩे के लिए कहा। उसने टीवी बंद नहीं की तो मां ने उसे डांट दिया। इसके बाद कार्तिकेय अपने कमरे में चला गया। करीब तीन बजे वह घर से खेलने जाने की बात कहकर निकला। मां ने उसे खेलने जाने दिया। शाम को छह बजे तक वह नहीं लौटा। डा। आशीष शुक्ला शाम को अपनी क्लिीनिक पर थे। करीब आठ बजे तक कार्तिकेय नहीं लौटा तो आशीष को फोन करके सूचना दी गयी।

घर घर जाकर पूछा
डा.आशीष मोहल्ले में कार्तिकेय के दोस्तों के घर गए। सबने बताया कि वह खेलने नहीं आया था। यह सुनकर डा। आशीष के होश उड़ गए। उधर कार्तिकेय नहीं लौटा तो मां का रो रोकर बुरा हाल हो गया। परिवार के अन्य लोग भी आ गए। रिश्तेदारों को भी खबर दी गई। रात भर डा.आशीष बेटे का मोबाइल ट्राई करते रहे, मगर मोबाइल स्विच ऑफ बताता रहा। परिवार ने रात किसी तरह जाग कर गुजारी। बुधवार को सुबह डा। आशीष ईश्वर शरण पुलिस चौकी पहुंचे। वहां पता चला कि कार्तिकेय के अलावा रितेश आर्या भी गायब है। रितेश आर्या भी कार्तिकेय के साथ उसके स्कूल में कक्षा आठ में पढ़ता है।

ट्रेन पकड़कर चला गया लखनऊ
खेलने के लिए निकला कार्तिकेय अपने साथी रितेश आर्या निवासी सलोरी से मिला। इसके बाद दोनों प्रयाग स्टेशन पहुंचे। उस समय लखनऊ जाने वाली ट्रेन खड़ी थी। दोनों ट्रेन पर सवार हो गए। रात में दोनों लखनऊ पहुंच गए। वह स्टेशन के बाहर पहुंचे। वहां पर दोनों स्टेशन परिसर में पार्क में रात में सो गए।

होटल वाले से मांगा काम
बुधवार सुबह दोनों स्टेशन के पास एक होटल में पहुंचे। वहां पर दोनों ने होटल संचालक से काम मांगा। इस पर होटल संचालक को संदेह हुआ। उसने दोनों से उनके घरवालों का नंबर मांगा। कार्तिकेय ने तो अपने पापा का नंबर नहीं बताया। मगर रितेश ने अपने पापा का नंबर बता दिया। इस पर होटल वाले ने रितेश के पापा अमृत लाल को फोन करके बताया। अमृत लाल ने इसकी सूचना चौकी प्रभारी ईश्वर शरण जयराम को दी। दारोगा जयराम ने होटल संचालक से बात करके दोनों बच्चों को रेलवे जंक्शन पर सीआरपीएफ के सुपुर्द करवाया। इसके बाद दारोगा जयराम ने डा.आशीष को बताया। इसके बाद पुलिस दोनों के गार्जियन को लेकर लखनऊ पहुंची। वहां पर रेलवे जंक्शन से आरपीएफ के पास से दोनों को वापस लाया गया। पता चला कि कार्तिकेय अपने साथ अपने साथी रितेश को भी ले गया था।

बच्चों को समझिए
बड़े हो रहे बच्चों को डांटिए मत।
उन्हें समझने की कोशिश कीजिए।
उनके साथ दोस्ताना व्यवहार रखिए।
उनसे स्कूल के दोस्तों के बारे में बात करिए।
बच्चों से मोहल्ले के दोस्तों के बारे में जानकारी कीजिए।
बच्चे अनमना व्यवहार कर रहे तो उनकी काउंसिलिंग कराइए।
बच्चों की आदतों पर नजर रखिए।

मोबाइल की वजह से बड़े रहे बच्चों में समय से पहले मेच्योरिटी आ रही है। बच्चों के व्यवहार में भी परिवर्तन है। ऐसे में बच्चों से दोस्ताना व्यवहार रखना चाहिए। अगर उनकी आदतों में बदलाव है तो उनकी काउंसिलिंग करानी चाहिए।
डा.कमलेश तिवारी, मनोविज्ञानी

ये घटनाएं कर रही हैं इशारा
धूमनगंज से 12 साल का छात्र गायब हो गया। मां की फटकार पर उठाया था ये कदम।
फाफामऊ में टीवी देखने से मना करने पर नाराज छात्र ने छोड़ दिया घर, कई दिन मिला।
कोतवाली एरिया के कारोबारी का बेटा घरवालों से नाराज होकर चला गया। तीन दिन बाद वह लौटा।

कार्तिकेय और रितेश एक ही स्कूल में कक्षा आठ के छात्र हैं। कार्तिकेय को उसकी मां ने फटकार लगाई थी। जिसके बाद वह घर से निकला। उसने अपने साथी रितेश को साथ लिया, इसके बाद दोनों ट्रेन से लखनऊ चले गए। वहां से दोनों को बरामद करके घरवालों को सौंप दिया गया है।
जयराम, चौकी इंचार्ज ईश्वर शरण