प्रयागराज ब्यूरो ।शहर में सौंदर्यीकरण और सड़क चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ों की कटाई धुंआधार हो रही है। खास बात यह है कि काटे वे पेड़ जा रहे हैं जो आक्सीजन के साथ छाया भी प्रदान करते हैं। इसके स्थान पर जो पेड़ लगाये जा रहे हैं उससे आक्सीजन की मात्रा की तो भरपायी हो जाएगी लेकिन कॉमन मैन को 'छायाÓ से वंचित रहना पड़ेगा। पेड़ों की कटाई का विरोध करने वालों की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सीरियस नोट पर आदेश दिया। कोर्ट ने कुंभ 2025 की तैयारी के लिए सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे पेड़ों को काटने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) उपाध्यक्ष को वीडियो कान्फ्र ंसिंग या व्यक्तिगत रूप से सुनवाई में शामिल होने का निर्देश दिया है। कोर्ट इस प्रकरण की सुनवाई अब 20 अगस्त को करेगी। पर्यावरण से जुड़े इस महत्वपूर्ण मुद्दे की सुनवाई जस्टिस एमके गुप्ता और जस्टिस मनीष कुमार निगम की बेंच कर रही है। इस प्रकरण को लेकर आनंद मालवीय व अन्य ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

दस गुना पेड़ लगाने का वादा
इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान पूर्व में पीडीए वीसी ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि जितने पेड़ काटे जाएंगे, उससे 10 गुणा अधिक लगाए जाएंगे। कोर्ट ने कहा था कि महात्मा गांधी मार्ग और सरदार पटेल मार्ग सहित विभिन्न मार्गों पर बरसात में छायादार पेड़ लगाए जाएं। यह भी कहा था 'संविधान के अनुच्छेद 47 के तहत पर्यावरण की रक्षा करना राज्य का संवैधानिक दायित्व है। सरकार प्रदूषण मुक्त वातावरण रखकर लोक स्वास्थ्य में बढ़ोतरी करे। किसी को मानव प्रजाति प्रभावित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह अनुच्छेद 21 के जीवन के अधिकार का हिस्सा है.Ó इसके बाद भी एमजी मार्ग और एसपी मार्ग पर जो पेड़ लगाये गये उससे कुछ हद तक हरियाली तो दिखायी देने लगी है लेकिन छाया गायब हो गयी है। यह पेड़ न तो कड़ी धूप में पब्लिक को राहत वाली छाया दे पा रहे हैं और न ही बारिश के सीजन में। कोर्ट ने इसी प्वाइंट पर कंसंट्रेट किया है।

रिहायशी लोगों की लाइफ लाइन हैं पेड़
कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले याची आनंद मालवीय व अन्य का कहना है कि सड़क किनारे खड़े पेड़, रिहायशी लोगों की लाइफ लाइन हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना में सरकार पेड़ों की कटाई करा रही है, मगर नए पेड़ नहीं लगाए जा रहे हैं। बिना किसी पर्यावरणीय अध्ययन पेड़ लगाने की योजना बगैर पेड़ों को काटने की अनुमति दी जा रही है। सीवाई चिंतामणि रोड तथा गोविंदपुर में बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं।


कमेटी कर रही है मनमानी
कोर्ट के आदेश पर एडीएम (प्रशासन) की अध्यक्षता में गठित कमेटी मनमानी कर रही है। इसकी संस्तुति पर जिलाधिकारी प्रयागराज ने 1,341 पेड़ काटे जाने की अनुमति दी है। पीडीए ने कहा था कि शांतिपुरम में कुंभ मेला रोड से बेला कछार क्षेत्र में 700 पेड़ लगाए जाएंगे। मुख्य स्थायी अधिवक्ता कुणाल रवि ने कहा था कि सीवाई चिंतामणि रोड पर 148 के बजाय 78 पेड़ ही काटे जाएंगे। जुलाई अगस्त में नीम, कचनार, गुलमोहर, अर्जुन, अमलतास आदि के पौधे लगाने की योजना है। वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र नाथ सिंह ने कहा कि 30 मई के आदेश से कोर्ट ने उपाध्यक्ष को निर्देश जारी किए थे, जिनका पालन नहीं किया जा रहा है, यह गंभीर विषय है। इस पर कोर्ट ने पीडीए वीसी को छायादार पेड़ लगाने की पूरी कार्ययोजना को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। उन्हें छूट दी है कि वह वीसी के जरिए भी पेश हो सकते हैं।

संविधान के अनुच्छेद 47 के तहत पर्यावरण की रक्षा करना राज्य का संवैधानिक दायित्व है। सरकार प्रदूषण मुक्त वातावरण रखकर लोक स्वास्थ्य में बढ़ोतरी करे। किसी को मानव प्रजाति प्रभावित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह अनुच्छेद 21 के जीवन के अधिकार का हिस्सा है।
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