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ALLAHABAD: अभी तक मेडिकल स्टोर के लाइसेंस के रिन्युअल के लिए विभाग का चक्कर काटने वालों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब उन्हें इसके लिए कहीं नहीं जाना होगा। सरकार के खाते में रिन्युअल फीस जमा कराते ही अपने आप लाइसेंस रिन्युअल हो जाएगा। सरकार के इस फैसले से जिले के हजारों दवा विक्रेताओं को फायदा होगा। इसके अलावा केंद्र सरकार ने लेट फीस की सीमा भी काफी हद तक घटा दी है।

 

जमा कराने होते थे पूरे कागज

अभी तक दवा विक्रेताओं को लाइसेंस रिन्युअल कराने के लिए औषधि विभाग का चक्कर काटना पड़ता था।

कागज जमा कराने होते थे और इसके बाद विभाग के चक्कर भी लगाने पड़ते थे।

ड्रग इंस्पेक्टर्स के आगे पीछे घूमना पड़ता था।

अब ऐसा नहीं होगा। केंद्र सरकार का कहना है कि दवा विक्रेताओं को फीस सरकार के खाते में जमा करानी होगी

इसके बाद अपने आप लाइसेंस रिन्युअल मान लिया जाएगा।

यह काम औषधि विभाग को स्वयं करना होगा।

 

महज साठ रुपए होगी लेट फीस

कोई मेडिकल स्टोर संचालक यदि लाइसेंस की मियाद खत्म होने के बाद छह माह तक रिन्युअल नहीं कराता तो हर माह एक हजार रुपए लेट फीस लगती थी।

अब लेट फीस की सीमा को घटाकर प्रति माह महज साठ रुपए कर दिया गया है।

छह माह तक रिन्युअल फीस नहीं जमा किए जाने पर थोक या रिटेल का लाइसेंस अपने आप कैंसिल मान लिया जाएगा।

सरकार के इस कदम से दवा व्यापारियों के चेहरे पर खुशी है

उनका कहना है कि इससे इंस्पेक्टर राज पर लगाम लगेगी।

 

फैक्ट फाइल

3000

जिले में कुल रिटेल व थोक दवा विक्रेता।

3000

रुपए लाइसेंस रिन्युअल की फीस।

1000

रुपए प्रतिमाह अभी तक लगने वाली लेट फीस।

60

रुपए प्रतिमाह सरकार द्वारा निर्धारित लेट फीस।

 

कॉलिंग

सरकार का यह एक बड़ा कदम है। इससे दवा व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी। उन्हें विभाग जाकर अपने कागजात सबमिट नहीं करने पड़ेंगे। व्यापारी इस फैसले से खुश हैं।

-परमजीत सिंह, महासचिव, इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन

 

सरकार के इस फैसले का व्यापारी स्वागत करते हैं। पहले हम लोगों को लाइसेंस रिन्युअल के लिए विभाग जाना पड़ता था। अब केवल फीस जमा करानी होगी, बाकी काम विभाग करेगा।

-अजय दुबे, दवा व्यापारी

 

केंद्र सरकार ने रिन्युअल प्रॉसेस पूरा कराने में लगने वाली लेट फीस को भी कई गुना कम किया है। यह बेहतर कदम है। इससे व्यापारियों को राहत मिलेगी और उनके पैसे बचेंगे।

-राजकुमार गांधी, दवा व्यापारी

 

पहले लाइसेंस रिन्युअल के लिए व्यापारियों को विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे। अधिकारियों के सामने कई कागज पेश करना पड़ता था। नए नियम में इससे पूरा छुटकारा मिल गया है।

-नवीन, दवा व्यापारी

 

पहले लेट फीस के रूप में एक हजार रुपए लिए जाते थे। अब महज साठ रुपए जमा होंगे। यह वाकई सरकार का स्वागत योग्य कदम है। इससे हजारों व्यापारियों को लाभ होगा।

-रोहित सिंह, दवा व्यापारी