प्रयागराज ब्यूरो । अगर आप इस नवरात्र जमीन या मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं तो निश्चिंत होकर परचेजिंग करिए। क्योंकि पिछले साल की तरह इस साल भी जमीनों का सर्किल रेट बढऩे की उम्मीदें ना के बराबर हैं। अभी तक प्रशासन ने इस दिशा में कोई खास कदम नहीं उठाया है। लक्ष्य के सापेक्ष रजिस्ट्री कम होने के बावजूद प्रशासन जनता को यह गोल्डन चांस देने जा रहा है।
दो साल पहले बढ़े थे दाम
प्रयागराज में जमीनों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं, लोग खरीद फरोख्त में मनचाहा पैसा ले रहे हैं लेकिन घाटा सरकार को रहा है। रजिस्ट्री कराने के लिए निर्धारित सर्किल रेट दो साल लगातार दूसरे बढऩे की स्थिति में नजर नही आ रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में सर्किल रेट नही बढ़ाया गया था। इस वित्तीय वर्ष मे भी यही हालात नजर आ रहे हैं। बता दें कि 2022-23 में जमीनों के दाम 10 से 12 फीसदी तक बढ़ाए गए थे।
लक्ष्य पूरा करने में परेशानी
हालांकि सरकार की ओर से महानिबंधक कार्यालय का रजिस्ट्री से होने वाले राजस्व की भरपाई का लक्ष्य कम नही किया जा रहा है। प्रयागराज में वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1034 करोड़ और 2024-25 में 1070 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। पिछले साल की बात करें तो अप्रैल से अगस्त के बीच कुल लक्ष्य का 35 फीसदी और इस साल इसी समय सीमा में 31 फीसदी टारगेट एचीव किया जा सका है। जो कि काफी कम है। अगर पूरे प्रयागराज मंडल की बात करें तो प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर और प्रतापगढ़ मिलाकर कुल लक्ष्य का 82.45 फीसदी ही एचीव किया जा सका है।

सदर और करछना में सबसे कम राजस्व
जानकारी के मुताबिक रजिस्ट्री से होने वाले राजस्व प्राप्ति में सदर और करछना का सबसे कम योगदान रहा है। यहां रजिस्ट्री के मामले सबसे ज्यादा ड्राप हो रहे हैं। खुद अधिकारी भी इसका कारण जुटाने में लगे हुए हैं। हालांकि वह इसके पीछे तमाम रीजन बता रहे हैं। सार्सेज की माने तो अतीक की बेनामी संपत्तियों की जांच के चलते भी जमीन के विक्रेता और क्रेता दोनेां इस समय बैकफुट पर चल रहे हैं।

इन कारणों से भी कम आ रहा है राजस्व
- पिछले साल के मुकाबले इस साल दस गुना अधिक लोग फैमिली दान पत्र का सहारा ले रहे हैं। इससे विभाग को स्टांप शुल्क का नुकसान हो रहा है। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में फैमिली सेटलमेंट के केसेज में भी दान पत्र नियम का लाभ भी लोगों को मिलने जा रहा है।
- महाकुंभ के चलते भी जमीनों की खरीद फरोख्त पर असर पड़ रहा है् सड़क चौड़ीकरण और अधिग्रहण की वजह से विक्रेता अपनी जमीन का सौदा करने से बच रहे हैं। वह जानना चाहते हैं कि विकास के बाद उनकी जमीनों की क्या कीमत होगी। इसके अलावा अधिग्रहण की वजह से भी जमीनों का सौदा डिस्टर्ब हो रहा है।

अभी तक नही शुरू हुई है प्रक्रिया
जमीनों का सर्किल बढ़ाने की प्रक्रिया हर साल होती है। इसमें जून माह से ही टीम बनाकर जमीनों का सर्वे शुरू कराया जाता है। इसके बाद सर्किल रेट की अनंतिम सूची जारी की जाती है। फिर इनके बढ़े हुए दामों और पुराने दामों पर आपत्ति और सुझाव मांगे जाते हैं। इनके आधार पर सर्किल रेट की अंतिम सूची जारी की जाती है। दो साल पहले प्रयागराज में जमीनों के दाम 10 से 12 फीसदी बढ़ाए गए थे।

मंडल में पिछले वित्तीय वर्ष में 82 फीसदी से अधिक राजस्व वसूला गया था। सभी जिलों को अधिक से अधिक लक्ष्य की प्राप्ति के निर्देश दिए गए हैं।
सुरेश कुमार त्रिपाठी, डीआईजी स्टांप प्रयागराज

अभी महाकुंभ के चलते सड़क चौड़ीकरण और तमाम निर्माण कार्य चल रहे हैं। अधिग्रहण भी किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में लक्ष्य के मुताबिक राजस्व की प्राप्ति कम हो रही है। महाकुंभ के बाद इसमें प्रगति आने की पूरी संभावना है।
राकेश चंद्र, एआईजी स्टांप प्रयागराज