2.73

लाख है जिले में आयुष्मान योजना के लाभार्थी परिवार

13

लाख गोल्डन कार्ड जिले में है बनाए जाने

2.92

लाख गोल्डन कार्ड अब तक जिले में बनाए गए

80

कैंप के माध्यम से जिले में रोजाना बनाए जा रहे गोल्डन कार्ड

2

हजार औसतन रोजाना बनाए जा रहे हैं गोल्डन कार्ड

- आयुष्मान योजना में लाभार्थियों की नहीं दिख रही है रुचि

10 मार्च के पहले 30 रुपये कॉमन सर्विस सेंटर पर खर्च करने पर बनता था गोल्डन कार्ड

प्रयागराज- केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत में लोगों की रुचि नहीं बन रही है। यही कारण है कि योजना को लांच हुए तीन साल पूरे होने जा रहे हैं लेकिन अभी तक पचास फीसदी भी गोल्डन कार्ड नहीं बन सके हैं। इसको लेकर जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की भी नींद उड़ी हुई है। रोजाना बैठकों का दौर और समीक्षा के बावजूद अधिक फायदा नहीं हो रहा है। यहां तक कि सरकार ने गोल्डन कार्ड फ्री कर दिया है, फिर भी लोग सेंटर पर नहीं जा रहे हैं।

दस की जगह बन रहे दो हजार

अभी तक आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड बनाए जाने पर लाभार्थियों को तीस रुपए कॉमन सर्विस सेंटर को देना होता था। दस मार्च से सरकार ने इसे फ्री कर दिया। सरकार द्वारा इस बड़ी राहत देने के बाद भी अधिक असर देखने को नही मिल रहा है। अभी भी हर कैंप में दिनभर में औसतन 25 से 30 गोल्डन कार्ड ही बन रहे हैं। यानी एक दिन में जहां दस हजार कार्ड बनने की उम्मीद थी वहां पर बमुश्किल दो से ढाई हजार कार्ड ही जनरेट हो रहे हैं।

तीन साल पहले लांच हुई थी योजना

आयुष्मान योजना की लांचिंग एक अप्रैल 2018 को पूरे देश में हुई थी। जिले में योजना के 2.73 लाख लाभार्थी परिवार मौजूद हैं। इनके 13 लाख गोल्डन कार्ड बनाए जाने थे। लेकिन अभी तक महज 2.92 लाख कार्ड ही बनाए जा सके हैं। जानकारी के मुताबिक लोगों के बीच उचित प्रचार प्रसार नही होने और प्राइवेट हॉस्पिटल्स द्वारा योजना में रुचि नहीं लेने से योजना का बंटाधार हो रहा है। लाख दबाव बनाए जाने के बावजूद निजी सेक्टर गरीब लाभार्थियों के इलाज में इंट्रेस्टेड नही है।

बिना जरूरत नहीं बनवाते कार्ड

गोल्डन कार्ड बनवाने की जिम्मेदारी कॉमन सर्विस सेंटर्स को दी गई है। इनकी ओर से रोजाना जिले में 80 कैंप लगवाए जा रहे हैं। सीएससी के अधिकारियों का कहना है कि जब तक जरूरत न हो लाभार्थी गोल्डन कार्ड बनवाने नही आते हैं। इसके अलावा कैंप में कनेक्टिविटी प्राब्लम भी हमेशा बनी रहती है। इसकी वजह से भी संख्या के अनुरूप गोल्डन कार्ड नही बन पाते हैं। जिसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की जा चुकी है। यह भी बता दें कि 24 मार्च तक गोल्डन कार्ड पखवाड़ा चल रहा है जिसमें अधिक से अधिक कार्ड बनवाने का लक्ष्य रखा गया है।

क्या है आयुष्मान योजना

- इस योजना के तहत लाभार्थी परिवार को पांच लाख रुपए सालाना फ्री इलाज की सुविधा दी जाती है।

- योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी के पास गोल्डन कार्ड होना जरूरी है।

- यह कार्ड जन सुविधा केंद्रों पर फ्री आफ कास्ट बनाया जा रहा है।

- लाभार्थियों को अपने साथ राशन कार्ड या प्रधानमंत्री द्वारा भेजा गया पत्र होने पर गोल्डन कार्ड बनाया जाता है।

- एक कार्ड बनाने पर जन सुविाध केंद्र संचालक को 14 रुपए सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं।

गिर सकती है वीएलई पर गाज

प्रशासन ने भी गोल्डन कार्ड बनाए जाने की गति धीमी होने पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। साफ तौर पर कहा गया है कि अगर कोई जन सुविधा केंद्र संचालक कार्ड बनाने में आनाकानी करता है तो उसका सेंटर कैंसिल कर दिया जाए। यही कारण है कि ब्लॉकों में रोजाना अधिक से अधिक संख्या में कैंप लगाए जा रहे हैं। जो संचालक कैंपों में नही पहुंच रहे हैं उन पर प्रशासन की गाज गिर सकती है।

जब से गोल्डन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया फ्री आफ कास्ट की गई है तब से लाभार्थियों के आने की संख्या बढ़ गई है। उम्मीद है कि भविष्य में अधिक संख्या में गोल्डन कार्ड बनेंगे। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लगातार उचित दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं।

डॉ। आरसी पांडेय, नोडल, आयुष्मान योजना स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज