प्रयागराज ब्यूरो । इस बार अक्षय तृतीया की मार्केट महंगाई और माहौल की भेंट चढ़ गई। व्यापारियों की माने तो खरीदार घरों से ही नही निकले। दिनभर इंतजार करने के बाद सर्राफा व्यापारी निराश होकर घर लौट गए। कुल मिलाकर बीस फीसदी बिक्री भी मुश्किल रही। हालांकि अभी रविवार को भी अक्षय तृतीया की खरीदारी का मुहूर्त है। उम्मीद है कि नुकसान की कुछ भरपाई हो सकती है।
कारण, जिनसे टूट गए खरीदारों के हौसले
वर्तमान में सोने का भाव लगातार 60 हजार के आसपास चल रहा है। इतना महंगा होने की वजह से भी खरीदार मार्केट का रुख नही कर रहे हैं। उन्हें सोने के सस्ते होने का इंतजार है। वहीं, अतीक और अशरफ की हत्या के बाद से शहर का माहौल भी थोड़ा गड़बड़ चल रहा है। इसकी वजह से भी त्योहार की रौनक फीकी नजर आ रही है। सर्राफा व्यापारियों का कहना है कि हर साल अक्षय तृतीया पर हिंदू और मुस्लिम दोनों सोने की खरीद करते थे, खासकर मुस्लिमों की नई जनरेशन शॉप पर आती थी। इस बार दोनों ने दुकानों का रुख नही किया।
मोबाइल और वेहिकल बने पसंद
व्यापारियों का यह भी कहना है कि वेहिकल और मोबाइल इस समय लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं, जबकि इनकी रिसेल वैल्यू सोने के सामने कुछ नही है। फिर भी लोग इनमें पैसा इनवेस्ट कर रहे हैं। इस वजह से भी सोने का बाजार डाउन हो रहा है। चौक, मुट्ठीगंज, कोठा पार्चा, सिविल लाइंस, कटरा के कई ज्वैलर्स की देर शाम तक बोहनी तक नही हुई। उनका कहना था कि पिछले कई सालों में पहली बार अक्षय तृतीया पर ऐसा असर देखने को मिला है।
सोना सस्ता ही खरीदना चाहते हैं लोग
सोने का भाव अधिक होने की वजह से लोग इसे ख्ररीदने से बच रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि आने वाले समय में सोना सस्ता हुआ तो उनका नुकसान हो जाएगा। पिछले साल अक्षय तृतीया पर सोना 51 हजार रुपए में था और इस बार 60 हजार तक पहुंच गया है। यह भी एक बड़ा कारण बना है। व्यापारियों का कहना है कि पब्लिक का माइंड सेट क्लीयर है। वही घर पर रखा सोना महंगा बेचना चाहते हैं और बाजार से सस्ता सोना लाने की कोशिश करते हैं। इसकी असर भी अक्षय तृतीया की मार्केट पर पड़ा है।
पिछले साल के मुकाबले इस बार अक्षय तृतीया पर मार्केट डाउन है। पिछले साल तक हिंद और मुस्लिम दोनों सोना खरीदते थे, लेकिन इस बार महंगाई और माहौल की वजह से बिजनेस को काफी नुकसान पहुंचा है।
हरिंदर पाल सिंह लाली सरदार, गुरुनानक ज्वैलर्स, चौक
पूरे बाजार में सन्नाटा पसरा है। रिटेल और होलसेल दोनों मार्केट में ग्राहक नही हैं। ज्वैलर्स ने अक्षय तृतीया पर काफी तैयारी कर रखी थी लेकिन उसका फायदा नही हुआ। लोगों को सोने से अधिक वेहिकल और मोबइल में इंट्रेस्ट है।
नितिन केसरवानी, अंबे ज्वैलर्स, मुट्ठीगंज
महंगाई और माहौल के अलावा यह भी कह सकते हैं इस बार अक्षय तृतीया थोड़ा पहले पड़ गई है। मार्च में लोग टैक्स देकर खाली हो गए हैं और अप्रैल में उनके पास खर्च अधिक होता है। इसकी वजह से भी सोने पर लगाने के लिए पैसे नही होंगे।
विशाल वर्मा, विशाल ज्वैलर्स, चौक