- शनि जयंती पर घरों और मंदिरों में हुई विशेष पूजन
- भक्तों ने शनि देव का किया तेल से अभिषेक, मांगा आशीष
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PRAYAGRAJ: जेष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर हर साल न्याय के देवता शनि देव की जयंती धूमधाम से मनायी जाती है। इस बार भी गुरुवार को अमावस्या तिथि शनि देव की जयंती धूमधाम से मनायी गई। लोगों ने घरों में विधि विधान के साथ शनि देव का पूजन किया। शास्त्रों में शनि पूजन को लेकर बताए नियमों के अनुसार शनि देव को पुष्प आदि समर्पित करने के साथ ही तेल से अभिषेक किया गया। इसके बाद शनि मंत्र का उच्चारण करते हुए लोगों ने उनकी आराधना की और शनि के सभी प्रकार के कृत्य बाधा से मुक्ति की कामना की। शनि जयंती पर अतरसुइसा स्थित शनि मंदिर में भी विशेष पूजन और अनुष्ठान किया गया।
शिव आराधना और सुंदरकांड का पाठ
शनि जयंती पर सभी बाधाओं से मुक्ति के लिए सनातन धर्मावलंबियों ने शिव आराधना करते हुए भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जप किया। साथ ही हनुमान मंदिर में भी हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ किया गया। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की आराधना और सुंदरकांड के पाठ से भी शनि कृत्य बाधा खत्म होती है। साथ ही शनि की साढ़े साती, ढाईयां से पीडि़त लोगों को भी लाभ मिलता है। पूजन आदि के बाद लोगों ने सरसों का तेल, काला तिल, उड़द, लोहे की काटोरी, लोहे की कील आदि का दान दिया। वहीं लोगों ने सभी बाधाओं से मुक्ति के लिए न्याय के देवता शनि देव का ध्यान करते हुए गरीब व असहायों को भोजन कराया।