छोटी उम्र में सारा व अरहाम घंटों भूखा प्यास रहकर रख रहे रोजा
माह-ए-रमजान का पाक महीना खुदा की इबादत के लिए सबसे खास होता है। ऐसे में खुदा की शान में हर कोई रोजा रखकर अपने और अपनों के लिए मुरादें मांगता है। रोजा रखना कोई आम बात नहीं है। इसके लिए खुदा की रहमत के साथ ही हिम्मत भी चाहिए। जिसमें घंटों भूखा और प्यासा रहकर खुदा की इबादत करना होता है। लेकिन ऐसे में कसारी-मसारी की सारा और अरहाम का हौसला भी देखने लायक है। जो कम उम्र का होने के बाद भी रमजान शरीफ के महीने में पूरा रोजा रखने के साथ ही अपनी पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान दे रहे हैं।
क्लास 6 की स्टूडेंट है सारा
कसारी मसारी में रहने वाली सारा काजमी विष्णु भगवान पब्लिक स्कूल में क्लास 6 की स्टूडेंट है। सारा के पिता मो। काजिम बताते है कि रमजान की शुरुआत के पहले ही सारा ने पूरे रोजे रखने की जिद की थी। हमने सोचा कि बच्चे हैं अगर खुदा की इबादत करना चाहते हैं तो जितने रोजे रख सकते है, रख लेंगे। तीसरा अशरा शुरू हो गया। सारा ने अभी तक सारे रोजे रखे हैं और आगे भी पूरे रोजे रखने की बात कहती है। रोजा रखने के साथ ही वह अपनी पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान रखती है। साथ ही नमाज पढ़ना व दूसरे सभी दीन के काम भी करती है।
8वीं के छात्र हैं अरहाम
कसारी मसारी एरिया में ही रहने वाले अरहाम ने भी इस बार पूरे रोजे रखे है। अरहाम के फैमली मेंबर्स ने बताया कि वह विष्णु भगवान पब्लिक स्कूल में क्लास 8वीं के स्टूडेंट है। अरहाम ने पांचों समय की नमाज अदा करते है और पूरी शिद्दत के साथ रोजा रख रहे है। पढ़ाई के साथ ही खुदा की इबादत में भी पूरा समय दे रहे है।