प्रयागराज (ब्यूरो)। बकरीद पर्व को देखते हुए शहर में जगह-जगह बकरे की मण्डी सजने लगी है। सोमवार को करेली सोलर मार्केट बकरा मण्डी गुलजार दिखाई दी। हालांकि अभी बहुत महंगे बकरे मार्केट से दूर हैं। आसपास के जनपद व लोकल के व्यापारी ही ज्यादा मार्केट में नजर आ रहे हैं। गैर प्रदेशों व जिलों से बड़े बकरा व्यापारियों का आगमन नहीं हुआ है। बकरीद पर्व के एक दो दिन पर्व बड़े व्यापारियों के मार्केट में पहुंचने उम्मीद है। यहां बकरा मण्डी में शाम के वक्त दो से ढाई लाख तक के बकरे होते हैं। हालांकि अभी इतने महंगे बकरों के खरीदारों की संख्या नहीं के बराबर है।

शाम को ढाई लाख तक के बकरे
शहर में एक दो नहीं कई स्थानों पर बकरा मण्डी लगती है। कहते हैं कि करेली पिछले वर्षों की तरह इस बार अभी बाहरी व्यापारी नहीं आए हैं। बकरा मण्डी में ज्यादातर लोकल के व्यापारी ही दिखाई दे रहे हैं। इन व्यापारियों का कहना है कि बकरीद के एक दो दिन पूर्व मार्केट बकरा मार्केट की रौनक देखने बनती है। गैर प्रदेश के व्यापारी बकरा बेचने के लिए पर्व के एक दो दिन पूर्व आते हैं। मौजूदा समय में मण्डी के अंदर लोकल व्यापारी ही हैं। बताते हैं कि बकरे का मुख्य भाव पर्व के दो दिन पूर्व ही चढ़ता है। जब बाहरी व्यापारी बड़ी संख्या में यहां की बकरा मण्डी में आते हैं उसी वक्त लाख या उससे ऊपर के बकरे के खरीदार भी घरों से निकलते हैं। अभी मार्केट लोकल और पर्व दूर है। इस लिए ग्राहक भी पर्व के और करीब आने का इंतजार कर रहे हैं।

हम पिछले चार साल से बकरे का व्यापार कर रहे हैं। पश्चिमशरीरा कौशाम्बी से यहां बकरा लाकर बेचते हैं। अभी बकरीद में थोड़े दिन शेष है। इस लिए मार्केट डल जा रही है। पर्व के दो दिन पहले बकरे के रेट में उछाल आता है। मौजूदा समय में दस हजार से लेकर पचास हजार तक के बकरे मार्केट में हैं। बकरा तो दो से ढाई लाख वाला भी यहां होता है। मगर उसके व्यापारी ज्यादातर शाम को आते हैं।
संतलाल, बकरा व्यापारी

जैसा बकरा उसकी वैसी ही कीमत लगती है। यह तो मोलभाव पर होता है। पिछले साल हमारा एक बकरा 55 हजार का बिका था। इस बार अभी मार्केट में रोशन बहुत नही हैं। इस मार्केट में गैर जनपद भी बकरा व्यापारी आते हैं। दूसरे प्रदेशों के व्यापारियों का भी आना होता है मगर वह पर्व एक दो दिन रह जाता है तब आते हैं। अभी जो भी वह आसपास के जिलों व लोकल के व्यापारी ही हैं।
मो। आलम, बकरा व्यापारी


बकरे का कोई रेट निर्धारित नहीं होता है। यह तो बकरे की स्थिति पर निर्भर होता है। अभी खरीदार भी बहुत ज्यादा मार्केट में नहीं आ रहे। रोज दो तीन बकरा बिकना भी मुश्किल है। इतना जरूर है कि मार्केट पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार थोड़ी ठीक दिखाई दे रही है। हम सब लोकल के व्यापारी हैं। लाख रुपये तक के बकरे फिलहाल अभी मार्केट में हैं। ढाई लाख के ऊपर वाले बकरे पर्व एकदम करीब आने पर मार्केट में पहुंचते हैं। आज दस पंद्रह से इस व्यापार में हूं। यही वह दौर है जब कुछ अच्छी इनकम की उम्मीद होती है।
कल्लू राम, बकरा व्यापारी

मंझनपुर से बकरा लेकर यहां मार्केट में आए हैं। पिछले दो दिनों से यहां आ रहे। मार्केट में अभी बहुत वजन नहीं दिख रहा। मौजूदा समय में दस पंद्रह हजार से लेकर 60 हजार तक के बकरे हमारे पास हैं। पंद्रह बीस हजार तक के बकरे की डिमांड फिलहाल अभी ज्यादा है्। इससे ऊपर रेट वाले बकरे की खरीदारी पर्व के एक दो दिन पहले होता है। मार्केट भी लगना शुरू हुई है। दो तीन दिन में बकरा मण्डी पूरी तरह से सज जाएगी।
कलीम अहमद
बकरा व्यापारी


बकरीद के तीसरे दिन तक रहता है बाजार
बकरीद को तीन दिन तक मनाया जाता है। बकरा मण्डी में बकरे की खरीद 20 जून से शुरु हो गई थी। जो बकरीद के तीसरे दिन तक लगी रहती है। इसमें तीनों दिन तक कुर्बानी होती है। अपनी सुविधा के अनुसार लोग कुर्बानी करते हैं।

चांद रात में सुबह दिन तक लगती है मण्डी
बकरीद के मौके पर चांद रात में सुबह तक लगी रहती है। बहुत लोग एक दिन पहले ही बकरा खरीदने पसंद करते हैं। चांद रात के दिन मार्केट में भीड़ रहती है। बहुत लोग चांद रात में ही बकरीद खरीदते हैं।

पिछले साल के मुकाबले इस साल बकरा महंगा हुआ है। दाना खाने की कीमत बढ़ी हुई है तो हजार से पांच सौ का अंतर आया है। करेली की असगरी मार्केट और बेरियल के पास भी मण्डी लगती है। चांद रात में सुबह के पांच बजे तक मण्डी लगती है। बीस जून से बकरी लगती है। धूप रहने की वजह से शाम में ज्यादा लोग निकलते हैं। दूसरी और तीसरी बकरीद में सुबह में 10 बजे तक बकरा खरीद सकते हैं।
फूल मोहम्मद, बकरा व्यापारी