प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज- नगर निगम द्वारा लगाए गए हाउस टैक्स का विरोध करने वाली जनता खुद जागरूक नहीं है। वरना, नगर निगम अधिनियम में सेल्फ असेसमेंट का प्रावधान दिया गया है। लोग चाहें तो अपने भवन का हाउस टैक्स की गणना स्वयं कर सकते हैं और इसे चैलेंज के तौर पर नगर निगम के सामने पेश कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नही हो रहा है। लोग हाउस टैक्स पर आपत्ति तो जाहिर कर रहे हैं लेकिन इस सुविधा का फायदा लेने से कतरा रहे हैं।
2011 के बाद से नही हुआ कम्प्लायंस
इससे पहले वर्ष 2011 में हाउस टैक्स के अगेंस्ट सेल्फ असेसमेंट नियम का लोगों ने बढ़ चढ़कर पालन किया था। ऐसे में लोगों का हाउस टैक्स कम हो गया था और उनको इसका बड़ा फायदा मिला था। लोगों का कहना है कि नगर निगम हमें सेल्फ असेसमेंट का अवसर नही दे रहा है। इसकी वजह से हम लोगों को निर्धारित
से अधिक टैक्स देना पड़ रहा है। अगर सेल्फ असेसमेंट हो जाए तो कारपेट एरिया अपने आप तय हो जाता है। जबकि नगर निगम का कहना है कि लोग इस सुविधा का स्वयं लाभ नही ले रहे हैं।
क्या ये कारण तो नही?
नगर निगम अधिनियम की नियमावली में यह भी प्रावधान है कि अगर लोगों के द्वारा किया गया सेल्फ हाउस टैक्स असेसमेंट गणना गलत निकली तो पनिशमेंट भी झेलना होगा। इसके डर से भी लोग सेल्फ डिक्लेरेशन का फार्म नही भरते हैं। जबकि एक्सपट्र्स का कहना है कि घबराने की जरूरत नही है। हाउस टैक्स गणना की प्रक्रिया की जानकारी होने के बाद सेल्फ असेसमेंट किए जाने से उचित कारपेट एरिया सामने आता है और उसी के अकार्डिंग टैक्स भी जमा करना पड़ता है।
लोग कर रहे निस्तारण का इंतजार
लोगों की शिकायत है कि नगर निगम के पास जीआईएस सर्वे के हिसाब से लगाए गए हाउस टैक्स पर दस हजार से अधिक भवन मालिकों ने आपत्ति जाहिर की है। इस पर निस्तारण किए बिना ही कुर्की की कार्यवाही शुरू करा दी गई है। बता दें कि शहर में 94 हजार से अधिक भवनों का जीआईएस सर्वे किया जा चुका है और अभी भी यह प्रक्रिया जारी है। लोगों का यह भी कहना है कि जीआईएस सर्वे की गणना के बाद लोगों का हाउस टैक्स बढ़ा हुआ आ रहा है।
बिना जमा किए नही मिलेगी निजात
हाउस टैक्स जमा कराना बेहद जरूरी हो गया है। कुर्की अभियान शुरू होने के बाद पचास हजार से अधिक के हाउस टैक्स के बकाएदार नगर निगम के जोनल कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं। लेकिन बिना कुछ दिए उनकी कुर्की रुकने वाली नही है। यही कारण है कि रोजाना लाखों रुपए का टैक्स
जमा हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि हम प्रत्यावेदन लेकर टैक्स का कुछ हिस्सा जमा करा रहे हैं। बाकी भविष्य में जमा कराया जाएगा।
अगर कोई कह रहा है कि सेल्फ असेसमेंट का मौका नही मिल रहा तो गलत है। एक भी बकाएदार इस आप्शन का लाभ नही ले रहा है। उनको मालूम है कि गणना गलत हुई तो खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। हमारी ओर से कोई रोक नही है।
पीके द्विवेदी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम प्रयागराज