नैनी में डीपीएस के पास खून से लथपथ मिली बॉडी
ALLAHABAD: नैनी जेल चीनी मिल चकदोंदी की रहने वाली 20 साल की छात्रा दिव्या तिवारी की गुरुवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसकी डेड बॉडी नैनी के डीपीएस स्कूल के पास सड़क किनारे शाम को 5.30 बजे के आसपास पड़ी मिली। पुलिस को खबर राहगीरों ने दी। बैग में मिले आईकार्ड से उसकी पहचान हुई। फैमिली के लोगों ने किसी पर मर्डर का शक नहीं जताया है। डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि मर्डर कहीं और किया गया हो व बॉडी डीपीएस के पास फेंक दी गई हो।
जार्जटाउन में है कोचिंग
दिव्या तिवारी के पिता रामआसरे तिवारी की चार साल पहले मौत हो गई थी। वह नैनी के सुमन विद्या निकेतन इंटर कॉलेज में शिक्षक थे। चीनी मिल के पास स्थित घर पर दिव्या अपनी मां निशा, बड़े भाई रजनीश व दीपक के साथ घर पर रहती थी। मूलरूप से मांडा की रहने वाली दिव्या ने बीसीए करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जार्जटाउन के एसबीजे कोचिंग में दाखिला ले लिया था। वह रोज नौ बजे के आसपास घर से कोचिंग के लिए निकलती थी। वह जेल के पास से बस पकड़ती थी और बस से ही लौटती थी। बस छूट जाने पर ही वह टेंपो का सहारा लेती थी। दोपहर में तीन बजे तक वह हर हाल में लौट आती थी। उसकी तीन बजे के आसपास भाई से बातचीत हुई थी। उसने कहा था कि वह जल्द ही घर पहुंच जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वह तो नहीं लौटी, लेकिन पुलिस से उसकी मौत की खबर मिली। खबर मिलते ही फैमिली के लोग सन्न रह गए। ट्यूशन पढ़ाने वाले दोनों भाई भागकर मौके पर पहुंचे। कोई कुछ बता सकने की स्थिति में नहीं था।
डीपीएस के पास कैसे पहुंची?
दिव्या डीपीएस के पास कैसे पहुंच गई, यह सवाल सभी को परेशान कर रहा है। दिव्या उस रूट पर कभी नहीं जाती थी। यह जगह उसके घर के रास्ते में भी नहीं है। भाइयों का कहना है कि वह बस से सीधे जेल के सामने उतरती थी और वहां से पैदल घर आती थी। आशंका जताई कि उसे या तो जबरन बस से उतारा गया या वह किसी और के साथ वहां पहुंची थी। यह भी हो सकता है कि उसका मर्डर कहीं और किया गया हो व बॉडी को लाकर डीपीएस के पास सुनसान इलाके में फेंक दिया गया। जिस जगह बॉडी मिली, वहां पर एक बड़ा गढ्डा भी है। गोली मारने के पहले उसके साथ हाथापाई भी की गई। घसीटने से उसके कपड़े भी फट गए थे। गोली गर्दन की ओर बाई तरफ से लगी थी। सुनसान इस इलाके में पुलिस को एक भी प्रत्यक्षदर्शी नहीं मिला। दूसरी जगह मर्डर की आशंका को इस बात से भी बल मिलता है कि किसी ने गोली चलने की आवाज भी नहीं सुनी थी।
लॉस्ट कॉल 5.13 बजे की
एसपी यमुनापार आशुतोष मिश्रा समेत कई अफसर घटना स्थल पर पहुंचे। छात्रा का मोबाइल पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। मोबाइल से आखिरी बार शाम 5.13 बजे बात की गई थी। कॉल किस जगह से की गई, इसका भी पता लगाया जा रहा है। इससे पहले भाई व सहेली ने कॉल की थी जो रिसीव नहीं हुई। मौके पर पुलिस 5.30 बजे के आसपास पहुंची। उसी से मौत की गुत्थी सुलझाने की कोशिश की जा रही है। मर्डर के वक्त दिव्या के कंधे पर उसका बैग भी टंगा हुआ था। उसके दोस्तों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
समय कॉल
5.04 मिनट : अंजली रिसीव नहीं
5.06 मिनट : भाई रजनीश रिसीव नहीं
5.13 मिनट : नंबर अननोन रिसीव
सीसीटीवी से सुराग तलाशने की कोशिश
पुलिस नैनी के टोल पर लगे सीसीटीवी से सुराग हासिल करने की कोशिश कर रही है। आशंका है कि शाम को चार बजे के आसपास छात्रा इसी रास्ते से क्रास हुई होगी। पुराने पुल से आने की संभावना काफी कम है। पुल के आसपास लगे सीसीटीवी की फुटेज भी खंगाली जाएगी।
कई सवालों के नहीं मिले जवाब
- छात्रा ने जिससे आखिरी बात की, वह कौन था
- छात्रा को किसी गाड़ी से लाया गया, वरना राहगीरों की नजर उस पर जरूर पड़ती
- उसके मर्डर में एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं
- हाथापाई व मारपीट से उसके शरीर पर चोटें भी आई
- छात्रा का मर्डर करने वाला कोई करीबी था, वह उसे पहचानती थी
- बिना जान पहचान के छात्रा साथ आने को राजी नहीं होती
- किडनैपिंग की कोशिश होती तो रास्ते में शोर जरूर होता, टोल पर भी गाड़ी रुकती
- तहरीर लेकर मामले की जांच की जा रही है। जांच के लिए सीडीआर निकलवाई जा रही है। मोबाइल से ही मर्डर का राज खुलेगा। कोचिंग में अटेंडेंस भी चेक की जाएगी।
आशुतोष मिश्र, एसपी यमुनापार