प्रयागराज (बयूरो)। सुसाइड करने वाली आशा देवी कौशाम्बी जिले के सरायअकिल निवासी रामबल की बेटी थी। पुलिस के मुताबिक राजरूपपुर में उसकी बहन का घर है। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि परिजनों से कनैली मेला जाने की बात कह कर वह घर से सुबह निकली थी। मेला न जाकर वह प्रयागराज आ गई। यहां चौफटका पर रुक गई। शाम के वक्त चौफटका रेलवे ट्रैक पर आ रही ट्रेन के सामने दौड़ कर लेट गई। यह देखकर शोर मचाते हुए लोग बचाने के लिए उसकी तरफ दौड़ पड़े। लोग उसे बचा पाते तब तक ट्रेन उसके ऊपर से निकल गई। इससे उसकी मौत हो गई। उसकी मौत को देख लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। पब्लिक की सूचना पर पहुंची पुलिस पुलिस को बॉडी के पास से एक कपड़े का थैला मिला। जिसमें उसके कुछ कपड़े और मोबाइल व एक कागज का टुकड़ा था। पुलिस के मुताबिक कागज के टुकड़े पर वह एक मोबाइल नंबर लिख रखी थी। इसी नंबर पर कॉल करने के बाद उसके बारे में पुलिस को मालूम चला। पुलिस द्वारा की कॉल के थोड़ी देर बाद राजरूपपुर में रहने वाली उसकी बहन व जीजा पहुंच गए। सरायअकिल से पहुंचे उसके परिजन भी सुसाइड की वजह पुलिस को नहीं बता सके। उसके मोबाइल को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।
कहीं और जाने का था प्लान?
सुसाइड करने वाली आशा देवी के बैग में मिले कपड़ों का मिलना और घर वालों से झूठ बोलकर मेला के बजाय चौफटका आना कई तरह के शक को जन्म दे रहा है। लोग आशंका यह जता रहे कि उसका प्लान किसी के साथ कहीं और जाने का रहा होगा। कयास लगाए जा रहे कि प्लान फेल होने पर गुस्से में आकर उसने सुसाइड कर लिया होगा। फिलहाल लोगों के इस कयास को पुलिस की जांच पूरी होने तक बहुत हद तक सच नहीं माना जा सकता। बहरहाल पुलिस द्वारा यदि उसके मोबाइल की जांच की गई तो सुसाइड का राज सामने आ सकता है।
युवती ट्रैक पर लेटकर सुसाइड क्यों की यह बात स्पष्ट नहीं हो सकी है। घर वाले भी इस बारे में कुछ बता पाने में असर्थता जता रहे हैं। फिलहाल मिले मोबाइल की छानबीन की जाएगी।
वीरेंद्र सिंह यादव, इंस्पेक्टर खुल्दाबाद