प्रयागराज (ब्‍यूरो)। कई राज्यों के बांध से 20.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो सीधे यमुना में आएगा वहीं उत्तराखंड में हो रही बारिश की वजह सके 6 लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया है। जानकारी के मुताबिक तटीय इलाकों में 98 बाढ़ राहत चौकियां बनाई गई हैं। इनको 24 घंटे एलर्ट रहने को कहा गया है। बता दें कि एमपी में हो रही झमाझम बारिश की वजह से केन, बेतवा और माता टीला बांध से लगातार लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जो प्रयागराज के जलस्तर को बढ़ाने का काम कर रहा है।

यहां से शुरू हो गया पलायन

शहर के दर्जनों मोहल्लों से पलायन शुरू हो चुका है। बता दें कि मंगलवार रात से गंगा-यमुना का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार रात गंगा का जलस्तर 83.08 और यमुना का जलस्तर 83.10 मीटर था। देखा जाए तो चौबीस घंटे में गंगा में 50 और यमुना में 60 सेमी जलस्तर बढ़ा है। जिसके चलते शहर के नेवादा, राजापुर, गंगा नगर, द्रौपदी घाट, बेली, म्योराबाद, मेंहदौरी, शंकरघाट, चांदपुर, सलोरी, कैलाशपुरी, ढरहरिया, छोटा बघाड़ा, गोङ्क्षवदपुर, बड़ा बघाड़ा, शिवकुटी, चिल्ला, सादियाबाद, दारागंज आदि मोहल्लों में परेशान खड़ी हो गई है। यहां घरों में पानी घुसने लगा है। कई गांव में भी बाढ़ की चपेट में बताए जा रहे हें। किसानों को धान की फसल खराब होने का डर सता रहा है।

नाव को ले जाने पर रोक

प्रशासन ने गंगा और यमुना की रफ्तार को देखते हुए नाव को अंदर तक ले जाने पर रोक लगा दिया है। बांध पर भी वाहनों के प्रवेश को रोक दिया गया गया है। दूसरी ओर संगम पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने गंगा मैय्या से अपना रौद्र रूप धारण नही करने की प्रार्थना की। भक्तों ने हर हर महादेव और हर हर गंगे का जयघोष किया। बंधवा के बड़े हनुमानजी का जलमग्न होना श्रद्धालुओं के लिए कौतूहल का विषय रहा। मजबूरी में लोगों को लाशों का अंतिम संस्कार दारागंज की सड़कों पर करना पड़ रहा है।

खतरे को देखते हुए एनडीएआरएफ की एक टीम को तैनात कर दिया गया है। यह टीम संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा की हालात से निपटने की योजना पर कार्य करेगी। शरणार्थियों के रुकने के इंतजाम किए जा रहे हैं।

संजय कुमार खत्री डीएम प्रयागराज