रियलिटी चेक
- प्राइवेट हॉस्पिटल्स में प्रॉपरली नही किया जा रहा है कोरोना वैक्सीनेशन
- शहर के 25 हॉस्पिटल्स को दी जा चुकी है कोरोना वैक्सीन
- कई जगह नहीं हुई शुरुआत तो कुछ हॉस्पिटल्स में गंभीर मरीजों के वैक्सीनेशन को लेकर क्लीयर नहीं स्टाफ
स्वास्थ्य विभाग ने शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा दी है। लेकिन अभी मानीटरिंग शुरू नहीं की है। इसका परिणाम सामने है कि इन हॉस्पिटल्स में प्रॉपरली कोरोना वैक्सीनेशन अभी नहीं किया जा रहा है। कहीं अभियान की शुरुआत नहीं हुई है तो कहीं पर गंभीर मरीजों के वैक्सीनेशन को लेकर नार्म्स क्लीयर नहीं हैं। इससे पब्लिक को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें निराश वापस लौटना पड़ रहा है।
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अभी नहीं मिला कोड- फोटो
शहर के बालसन चौराहे के निकट पार्वती हॉस्पिटल को कोरोना वैक्सीन एलॉट हो गई है। जब मंगलवार को रिपोर्टर ने यहां पर कोरोना वैक्सीनेशन की जानकारी ली तो पता चला कि अभी वैक्सीनेशन नहीं किया जा रहा है। अभी उनको सीएमओ आफिस से कोड एलॉट नहीं किया गया है। हालांकि पब्लिक को इसकी जानकारी नहीं होने से लोग वापस लौटने पर मजबूर हैं।
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केवल सीनियर सिटीजंस का वैक्सीनेशन- फोटो
सरकार की गाइड लाइन के अनुसार 45 साल से अधिक उम्र के गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगां को वैक्सीन की डोज लगाई जानी है। लेकिन कमला नेहरू हॉस्पिटल में ऐसा नहीं हो रहा। यहां केवल सीनियर सिटीजंस को वैक्सीन लगाई जा रही है। रिसेप्शन पर मौजूद व्यक्ति ने बताया कि रोजाना सुबह नौ से दोपहर दो बजे के बीच 60 साल से अधिक लोगों ही वैक्सीन लगाई जा रही है।
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इनको नहीं कोई जानकारी- फोटो
हाशिमपुर रोड स्थित आशुतोष हॉस्पिटल में भी अभी वैक्सीनेशन नहीं किया जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्व में दी गई जानकारी के हिसाब से यहां वैक्सीन लगाई जा रही है। स्थानीय स्टाफ ने बताया कि अभी उन्हें हॉस्पिटल प्रबंधन ने कोई आदेश नहीं दिया है। जैसे ही इंस्ट्रक्शन मिलेगा, वैक्सीनेशन शुरू करा दिया जाएगा।
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एक आदमी के लिए नहीं खुलेगा वायल- फोटो
इसके बाद रिपोर्टर कानपुर रोड जागृति हॉस्पिटल में पहुंचा। यहां पर जब रिपोर्टर ने परिजनों को वैक्सीनेशन कराने की इच्छा जाहिर की तो स्टाफ ने मना कर दिया। उसका कहना था कि एक वायल में दस डोज होती है। हम केवल एक व्यक्ति के लिए उसे नहीं खोल सकते हैं। आप नेक्स्ट मार्निग में आइए तो वैक्सीन लगा दी जाएगी। यहां भी नियम होने के बावजूद 45 साल से अधिक उम्र के गंभीर मरीजों का वैक्सीनेशन नहीं किया जा रहा है।
केवल वैक्सीन बेचने तक सीमितत!
स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी केवल प्र्राइवेट हॉस्पिटल्स को वैक्सीन बेचने तक नहीं है बल्कि इसके वैक्सीनेशन की मानीटरिंग भी करना है। यह देखना है कि नार्म्स के अनुसार वैक्सीनेशन किया जा रहा है या नहीं। विभाग को यह भी नहीं पता कि वैक्सीन देने के बाद भी संबंधित हॉस्पिटल टीकाकरण करा रहा है या नहीं।
24 हॉस्पिटल्स को मिली वैक्सीन
शहर में कुल 57 हॉस्पिटल्स ने वैक्सीनेशन की हामी भरी है और इनमें से 24 हॉस्पिटल्स को डोज उपलब्ध करा दी गई है। जिनमें यूनाइटेड मेडिसिटी, प्राची हॉस्पिटल, वात्सल्य हॉस्पिटल, विनीता हॉस्पिटल, ओझा हॉस्पिटल, जागृति हॉस्पिटल, आशा हॉस्पिटल, जीवन ज्योति हाूस्पिटल, प्रीति हॉस्पिटल, नारायण स्वरूप हॉस्पिटल, यशलोक हॉस्पिटल, नाजरेथ हॉस्पिटल, सरदार पटेल हॉस्पिटल, पूनम हॉस्पिटल, पार्वती हॉस्पिटल, कमला नेहरू हॉस्पिटल, मेडिमेक्स, हृदया, अक्षयवट, आशुतोष, वीरेंद्र हॉस्पिटल, हार्टलाइन हॉस्पिल, राज नर्सिग होम और भोला हॉस्पिटल शामिल हैं। विभाग को कहना है कि यहां वैक्सीनेशन किया जा रहा है। इस सूची में सृजन हॉस्पिटल का भी नाम देर शाम तक शामिल होना था।
क्या हैं नियम
- जिसका रजिस्ट्रेशन नहीं है वह वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर ऑनस्पाट अपना नाम शामिल करवा सकता है।
- स्वास्थ्य विभाग एक डोज 150 रुपए की प्राइवेट हॉस्पटल को देगा और हॉस्पिटल प्रति डोज 250 रुपए लेगा।
- एक हॉस्पिटल को सीएमओ कार्यालय से कम से कम सौ डोज लेनी होगी।
- 60 साल से अधिक बुजुर्गो के अलावा 45 साल से अधिक गंभीर रोगियों का टीकाकरण किया जाना है। इसके लिए गाइड लाइंस भी जारी की गई हैं।
- वैक्सीन उपलब्ध कराने के बाद वैक्सीनेशन की मानीटंरिंग भी की जानी है।
फिर बदली गई टीमें
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वैक्सीनेशन को भली प्रकार से चलाने के लिए पुन: अधिकारियों की अदला बदली की है। इस बार एसीएमओ डॉ। आरएस ठाकुर को कोरोना वैक्सीनेशन इंचार्ज बनाया गया है। इसके अलावा एसीएमओ डॉ। बीएन सिंह को ग्रामीण क्षेत्र वैक्सीनेशन, डॉ। सत्येन राय को शहरी क्षेत्र वैक्सीनेशन, डीआईओ डॉ। तीरथ लाल को नियमित टीकाकरण के साथ निजी हॉस्पिटल में कोविड वैक्सीनेशन का कार्य, डीसीएमओ डॉ। राहुल सिंह को जिला सर्विलांस अधिकारी बनाया गया है। इसके अलावा डॉ। संजय बरनवाल और डॉ। राजेंद्र कुमार को कोविड वैक्सीनेशन में सहयोग के लिए लगाया गया है। इसके पहले डॉ। राहुल सिंह और डॉ। ऋषि सहाय को कोविड वैक्सीनेशन इंचार्ज बनाया जा चुका है लेकिन उचित रिजल्ट नही मिलने से बार-बार जिम्मेदारों को बदलना पड़ रहा है।