कोरोना काल में पब्लिक को समझ आ गया पौधों का महत्व

ज्यादा आक्सीजन उत्पादन करने वाले पौधों के नर्सरी में बढ़ गये दाम

PRAYAGRAJ: घर की गार्डनिंग पर भी अब महंगाई की मार पड़ रही है। पेड़-पौधों के शौकीन लोग जो अपने घरों में बागवानी करना पसंद करते थे, अब उनकी जेब अधिक ढीली हो रही है। शहर से लेकर गंावों तक में पौधे महंगे हो गए है। जितनी भी नर्सरी है वहां पहले की तुलना में पौधे के दामों में तीस चालीस प्रतिशत तक बढोतरी हो गई है। हनुमान मंदिर समीप अफजल नर्सरी के ओनर बताते है कि प्रयागराज में बेंगलुरु, मुबंई, असम, कोलकाता, जयपुर, पंजाब और दिल्ली से पौधे आते हैं। जब से डीजल के दामों का रेट बढ़ा है। उसके बाद से ट्रांसपोर्टर खर्च भी बढ़ गया है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की पड़ातल में एक और बात सामने आया है कि कोरोना काल में आक्सीजन की कमी से जूझने के बाद लोगों का पौधरोपण की ओर रुझान बढ़ा है। रेट बढ़ने के पीछे यह भी एक सबसे बड़ा कारण है।

ऑक्सीजन उगलने वाले पौधों की डिमांड सबसे ज्यादा

दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में दर्जनों नर्सरी ओनर ने बताया कि कोरोना काल से पहले ऑक्सीजन वाले पौधों की इतनी डिमांड नहीं थी। जितनी डिमांड दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी से हुई मौतों ने बढ़ा दी। लोग अपने घरों में छोटे बगीचे में आक्सीजन पौधों सबसे ज्यादा लगाए है। इन पौधों में पीपल, बरगद, सहजन तथा स्नेक प्लांट के सांसेवियरिया शामिल है। इसके साथ लोगों ने औषधीय पौधे जैसे एरिका पॉम, अदरक, हल्दी, रबर प्लांट, चमेली, बड़ी इलायची, शतावर, भृंगराज, हार श्रृंगार आदि के पौधे लगाए है।

नर्सरी में उपलब्ध छोटे पौधों की कीमत तीस से चालीस प्रतिशत तक बढ़ा है। फल और फूल वाले पौधे हमेशा डिमांड में होते हैं, इसलिए महंगे होते है। जैसे-जैसे पौधे की हाइट बढ़ती है उसी हिसाब से कीमत भी बढ़ती जाती है। नर्सरी में एक से लेकर 15 फीट तक के पौधे मिलते हैं। अगर सबसे छोटे तुलसी का पौधा 20 से 15 रुपये का है। जो पहले पांच से दस रुपये मिलता था।

अफजल, सिविल लाइन नर्सरी

यह सब पौधे दूरदराज से आते हैं। ऊपर से डीजल का दाम भी बढ़ गया है। यह भी एक सबसे बड़ा कारण है। पौधों के रेट में उछाल कोरोना की दूसरी लहर के दौरान से आई है। तब से रेट कम ही नहीं हो रहा है। आगे से माल व बीज महंगा मिल रहा है। इसलिए महंगा बेचना पड़ रहा है। अब रेट कम होने के असार नहीं है।

जुबेर अली, सिविल लाइन नर्सरी

औषधीय पौधों का काढ़ा बनाकर पीने और औषधि के रूप में सेवन करने से रोग प्रतिरोध क्षमता में बढ़ोतरी होती है। कोरोना काल में मानसिक तनाव से जूझ रहे लोगों को सुगंधित पौधे की महक सूंघने से मानसिक तनाव में राहत मिली थी।

डा। अरूण कुमार गुप्ता, (बीएचएमएसस)

बारिश के बाद पौधों को बचाने के लिए सावधानी जरूरी है। खाद, मिट्टी, बालू की मात्र को संतुलित रखने की आवश्कता होती है। पौधे को कीटाणुओं से बचाने के लिए उसमें कीटनाशक दवाओं जैसे-मैलाथीन और गेमक्सीजन इत्यादि पौधों की जड़ों में नियमित रूप से छिड़काव करें। बारिश के बाद पौधों के बेकार पत्तों की कटाई करते रहे। अब तक दो लाख से ज्यादा पौधों को निशुल्क बांटा जा चुका है। इसमें बीजू पौधे सबसे ज्यादा है। इस बार ऑक्सीजन वाले पौधों के उत्पाद पर ज्यादा ध्यान दिया गया है।

डा। सीमा सिंह राणा, अधीक्षक राजकीय उद्यान प्रयागराज

सब्जी वाले पौधे

- 15 में पहले मिलने वाला छोटा टमाटर पौधा अब 25 से 30 रुपये में मिल रहा

- 25 में पहले मिलने वाला बैंगन अब 40 रुपये में मिल रहा

- 30 में पहले मिलने वाला नीबू का पौधा अब 50 से 60 रुपये में मिल रहा

- 35 में पहले मिलने वाला कटहल अब 50 से 55 रुपये में मिल रहा

- 40 में पहले मिलने वाला नेनुआ अब 60 रुपये में मिल रहा

- 25 में पहले मिलने वाना सीताफल अब 40 से 45 रुपये में मिल रहा

ऑक्सीजन वाले पौधे

- 05 से दस रुपये में मिलने वाला तुलसी का छोटा पौधा 20 से 25 रुपये में मिल रहा

- 20 में पहले मिलने वाला स्पाउडर अब 40 रुपये में मिल रहा

- 30 में पहले मिलने वाला एरिका पाप अब 60 से 70 रुपये में मिल रहा

- 15 में पहले मिलने वाला पीपल का पौधा 30 रुपये में मिल रहा

- 25 में पहले मिलने वाला पोटोस अब 40 रुपये में मिल रहा

- 20 में पहले मिलने वाला बैंबू अब 35 से 40 रुपये में मिल रहा

फल वाले पौधे

- 40 में पहले मिलने वाला संतरा अब 70 से 80 रुपये में मिल रहा

- 40 में पहले मिलने वाला चीकू अब 70 रुपये में मिल रहा

- 25 में पहले मिलने वाला पपीता अब 50 रुपये में मिल रहा

- 25 में पहले मिलने वाला जामुन अब 50 रुपये में मिल रहा

- 15 से 20 में पहले मिलने वाला अमरूद अब 40 रुपये में मिल रहा

- 40 में पहले मिलने वाला आम अब 80 से 90 रुपये में मिल रहा

फूल वाले पौधे

- 40 में पहले मिलने वाला अश्वगंधा अब 70 रुपये में मिल रहा

- 60 में पहले मिलने वाला गुडमार्ग अब 90 रुपये में मिल रहा

- 30 में पहले मिलने वाला विग्रहराज अब 50 रुपये में मिल रहा

- 35 में पहले मिलने वाला निर्गुडी अब 50 रुपये में मिल रहा

- 25 में पहले मिलने वाला शंखपुष्पी अब 40 रुपये में मिल रहा

3.40 लाख पौधो का मिला है टारगेट

केंद्रीय पौधशाला राजकीय उद्यान प्रयागराज को 3 लाख 40 हजार पौधों को फ्री में बांटने का टारगेट सरकार की तरफ से मिला है। जिसमें लगभग सभी पौधों को बांट दिए गए है। जिसमें 70 हजार पौधे अब भी बचें है। जिसको तमाम संस्थाओं व सरकारी कार्यालय द्वारा डिमांड आने पर दिया जा रहा है। मंगलवार को आर्मी विभाग को लगभग बीस हजार के करीब पौधों को दिया गया।