प्रयागराज (ब्‍यूरो)। नगर के करेली क्षेत्र के जेके नगर में भी बाढ़ का पानी कालोनी में भरने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एनडीआरएफ के जवान सक्रिय होकर लोगों को बाहर निकालने का कार्य कर रही है। हजारों लोग अब भी बाढ़ में फंसे हुए हैं। प्रशासन द्वारा लगातार अपील की जा रही है। लेकिन उन्हें घर छोडऩे में भय लग रहा है कि चोरी न हो जाय। फिलहाल, बढ़ते जलस्तर के साथ उनकी हिम्मत भी टूटने लगी है और पलायन जारी है। उम्मीद जतायी जा रही है कि दोनो नदियों का जलस्तर 2013 की बाढ़ को भी पार कर सकता है। जिससे लोगों में भय व्याप्त है। इस समय लोगों को 2013 की बाढ़ का मंजर याद आने लगा है। सबसे भयंकर बाढ़ 1978 की रही है।
बिजली आपूर्ति प्रभावित आपूर्ति ठप
फूलपुर के थरवई क्षेत्र में गोड़वा उपकेन्द्र में बाढ़ का पानी घुस गया। जिसके कारण दर्जनों गांवों की बिजली सप्लाई बंद हो गयी। बताया जाता है कि बाढ़ आने से मनसैता नदी में भी पानी का जलस्तर बढ़ जाता है। रमा कान्त त्रिपाठी का कहना है कि हर वर्ष बाढ़ आने से गोड़वा गांव में स्थित बिजली उपकेन्द्र में पानी भर जाता है और सप्लाई बंद कर दी जाती है। बता दें कि, 1978 की बाढ़ में उच्चतम जलस्तर फाफामऊ में 87.980 मी, छतनाग में 88.030 मी। एवं नैनी में 87.990 मीटर पर रहा है। उस समय नैनी के पुराने पुल तक पानी पहुंच गया था। जबकि 2013 की बाढ़ में उच्चतम जलस्तर फाफामऊ में 86.820 मी, छतनाग में 8.040 मी। एवं नैनी में 86.600 मीटर पर रहा है।

3.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित
40 हजार लोग बेघर, राहत शिविर का कर रहे रुख
05 हजार लोग राहत शिविरों में ले रखे है शरण
33 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा मप्र, राजस्थान, हरियाणा व उत्तराखंड के बांधों-बैराजों से
40 से अधिक मोहल्ले शहर के बाढ़ से हैंै प्रभावित
120 गांव बाढ़ भी बाढ़ के पानी से है घिरा हुआ
32 हजार बीघे फसल में घुसा हुआ बाढ़ का पानी, फसल खराब होने की चिंता
55 के करीब संपर्क मार्ग जिले के डूबे हुये

गंगा और यमुना के खतरे के निशान से ऊपर बहने के चलते तटीय क्षेत्रों में मजिस्ट्रेटों के साथ आपदा राहत की टीमें लगाई गई हैैं। एनडीआरएफ व जल पुलिस की टीमें बाढ़ में फंसे लोगों का रेस्क्यू कर रही हैैं। आवागमन के लिए नावें और स्टीमर भी लगाई गई हैैं।

संजय कुमार खत्री, डीएम

पुराने यमुना पुल के नीचे का रास्ता बंद

यमुना नदी के उफनाने से पुराने यमुना पुल के नीचे का रास्ता शनिवार को दिन में जलमग्न हो गया। जिस कारण इधर से आवागमन बंद कर दिया गया है। बैरीकेङ्क्षडग लगाने के साथ ही पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। वहीं, पुल के नीचे झोपड़ी में रहने वालों को वहां से हटाया जा रहा है।