गंगा समग्र के पहले कार्यकर्ता संगम में शामिल हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ। मोहन भागवत
गंगा भारत के संस्कृति की जीवन रेखा है। इसे हर हाल में बचाना होगा। इस धरती पर जो प्रयास भागीरथ को गंगा जी को लाने के लिए करना पड़ा था वही प्रयास कार्यकर्ताओं को गंगा एवं उससे जुड़ी नदियों को बचाने के लिए करना होगा। यह बात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ। मोहन भागवत ने कही। वह शनिवार को गंगा समग्र के पहले कार्यकर्ता संगम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने परेड स्थित विश्व हिंदू परिषद के शिविर में 6 प्रांतों से यहां आए कार्यकर्ताओं के बीच गंगा के व्यापक निर्मलीकरण एवं उससे संबंधित विस्तृत कार्य योजना पर मंथन किया।
निर्मलीकरण के लिए जन जागरण जरूरी
सरसंघचालक ने कहा कि जन जागरण से यह काम संभव हो पाएगा। गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा के दोनों तटों पर पांच 5 किलोमीटर के दायरे में बसे गांवों एवं शहरों में इसके लिए नित्य नैमित्तिक कार्यक्रम चलाने होंगे। इसके लिए तटवर्ती गांव में प्रतिदिन सुबह-शाम गंगा आरती, तीर्थ पुरोहितों को कर्मकांड का प्रशिक्षण, घाटों की स्वच्छता, वृहद वृक्षारोपण, तालाबों में जल संचय कर उनको पुनर्जीवन देने से संभव हो पाएगा।
कचरा परिशोधन का भी बताया तरीका
सत्र का संचालन गंगा समुग्र के केंद्रीय महामंत्री डॉ आशीष गौतम ने किया। मंच पर केंद्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र जायसवाल भी उपस्थित थे। इसके पहले सुबह नौ बजे प्रारंभ हुए सत्र में केंद्रीय संगठन मंत्री मिथिलेश नारायण ने कचरा प्रबंधन एवं कचरा परिशोधन करने का तरीका कार्यकर्ताओं को समझाया। इसमें दिल्ली से आई संगठन की प्रांत संयोजिका नंदिनी पाठक ने भी नया प्रयोग करके कार्यकर्ताओं को दिखाया।
नर्मदा नदी पर किये कार्य की सफलता पर बनाया गंगा समग्र योजना
प्रथम सत्र में 6 आयामों के माध्यम से किए गए कार्यो का विवरण प्रस्तुत किया। केंद्रीय महामंत्री डॉ गौतम ने गंगा समग्र की संपूर्ण भूमिका सरसंघचालक के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि नर्मदा समग्र के माध्यम से नर्मदा नदी पर किए गए काम और उस में मिली सफलता के बाद गंगा समग्र की योजना बनी। इस काम के लिए उन्होंने स्वर्गीय अशोक सिंघल जी की प्रेरणा को भी महत्वपूर्ण बताया। पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती की भी प्रेरणा का स्मरण किया। लखनऊ से आए बृजेंद्र जी ने प्रथम सत्र का संचालन संगठन के कोषाध्यक्ष ललित कपूर ने किया। संपूर्ण कार्यक्रम में संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, राष्ट्रीय संगठन मंत्री मिथिलेश जी, क्षेत्र प्रचारक अनिल जी, प्रांत प्रचारक रमेश जी, कोषाध्यक्ष ललित जी कपूर, प्रांत संघचालक डॉ विश्वनाथ लाल निगम आदि उपस्थित रहे।
संगठन के मुखिया को सौंपा संकल्प पत्र
गंगोत्री से गंगासागर तक के 6 प्रांतों और 80 जिलों से के अपने जुनून के पक्के 500 कार्यकर्ताओं ने भागीरथी को निर्मल करने के लिए भगीरथ प्रयास करने का संकल्प लेकर अपना लिखित संकल्प पत्र संगठन के मुखिया को सौंप दिया। इअपने तरह के पहले गैर सरकारी संगठन गंगा समग्र का समापन सत्र संकल्प सत्र के रूप में तब्दील हो गया।