प्रयागराज (ब्यूरो)। गंगा गोमती एक्सप्रेस मंगलवार सुबह 5:40 बजे प्रयागराज संगम स्टेशन से लखनऊ के रवाना हुई थी। करीब 6:30 बजे वह रामचौरा स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर पहले पहुंची थी कि अचानक ट्रेन का इंजन एक एलएचबी कोच के साथ अलग हो गया। इससे रैक में जुड़े 14 अन्य कोच पीछे छूट गए। लगभग 200 मीटर दूरी तक आगे बढ़ जाने के बाद जब लोको पायलट को इसका एहसास हुआ तो ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी। यात्रियों को एक झटका महसूस किया। लखनऊ जा रहे यात्री भी सहम गए। यात्री तत्काल ट्रेन के नीचे आ गए। पता चला कि कपलिंग टूटने से इंजन अलग हो गया। सुबह ज्यादा ट्रेनों का संचालन नही था इसलिए अन्य ट्रेनें प्रभावित नहीं हुई। हादसे की सूचना लखनऊ कंट्रोल रूम को दी गई। इस दौरान ओएचई लाइन पर बिजली सप्लाई रोक दी गई।
1:24 पर लखनऊ पहुंची ट्रेन
घटना के बाद यात्री ट्रेन के बाहर उतर आए, स्थानीय ग्रामीणों की भी भीड़ जुट गई। कुछ ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाया और उसे इंटरनेट मीडिया पर डाला तो वीडियो वायरल हो गया। जानकारी मिलने के बाद आरपीएफ और जीआरपी की टीम मौके पर पहुंची। इस दौरान रेलवे की टेक्निकल टीम ने मरम्मत का कार्य शुरू किया और टूटी हुई कपलिंग जोड़ कर ट्रेन को लूप लाइन में लाया गया। लगभग आठ बजे के आसपास ट्रेन लालगोपालगंज के लिए रवाना हुई। विलंब होने की वजह से ट्रेन सुबह 9:55 की जगह दोपहर 1:24 बजे लखनऊ चारबाग स्टेशन पहुंची।
हाई लाइट
एलएचबी से आइसीएफ कोच जोडऩे से टूटी कपलिंग
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि एलएचबी कोच से इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) कोच जोडऩे की वजह से कपलिंग टूटी है।
सुबह जब प्रयागराज संगम से गंगा गोमती एक्सप्रेस रवाना हुई तो इसमें 14 की जगह 15 कोच थे।
इसमें प्रतिदिन जाने वाले 14 कोच तो आइसीएफ के थे, जबकि एक कोच ट्रेन के इंजन के साथ एलएचबी लगाया गया था।
यह कोच पार्सल के लिए एसएलआर (सीटिंग कम लगेज वैन /रैक) के रूप में लगाया गया था। इसी की कपलिंग टूटी थी।
रामचौरा रेलवे स्टेशन पर एसएलआर को ट्रेन से काटकर अलग किया गया और बाकी ट्रेन आगे रवाना की गई।
जानकारों ने बताया कि अगर ट्रेन में सारे आईसीएफ कोच होते तो शायद यह हादसा न होता।
एलएचबी और आइसीएफ कोच की कपलिंग में काफी अंतर रहता है। इसी वजह से बीच रास्ते में कपलिंग टूटने की वजह सामने आई है।
कपलिंग टूटने की वजह से ही ट्रेन के दो भाग में बांटने की बात सामने आई है। कमेटी गठित कर दी गई है। जो मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करेंगी।
अश्विनी श्रीवास्तव, एडीआरएम लखनऊ मंडल