प्रयागराज ब्यूरो । सिविल लाइंस से बाइक चोरी करने वाले गिरोह को पुलिस ने पकड़ लिया है। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला कि गिरोह के सदस्यों को सरगना ने बकायदा काम बांट रखा था। चोरी की बाइक 10 से 30 हजार रुपये में बेंची जाती थी। पुलिस ने गिरोह के कब्जे से चोरी की 10 बाइक बरामद की है।

सबके जिम्मे था अलग-अलग काम
बाइक चोरी गैंग का सरगना सुरेंद्र कुमार गौतम सोरांव थाना क्षेत्र के सेवइथ गांव का रहने वाला है। उसने गिरोह के सदस्यों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंप रखी थी। नवाबगंज थाना क्षेत्र के महमदपुर कछार निवासी सनी को सिविल लाइंस में बाइक की रेकी करने की जिम्मेदारी थी। सनी बाइक की रेकी करता था। इसके बाद सुरेंद्र खुद मास्टर चाबी या दूसरी चाबी का इस्तेमाल कर बाइक का लॉक खोल देता था। इसके बाद सनी के अन्य साथी बाइक लेकर भाग निकलते थे। नवाबगंज थाना क्षेत्र के अटरामपुर निवासी मिस्त्री पवन कुमार के पास बाइक रखी जाती थी। पवन बाइक के पार्टस इधर उधर कर उसे दुरुस्त कर देता था। गाड़ी बिकवाने की जिम्मेदारी नवाबगंज के मंसूराबाद निवासी मुसीर और बहरिया के विवेक कुमार यादव की थी। ये दोनों बाइक के लिए ग्राहक खोजते थे। चोरी की बाइक दस से तीस हजार रुपये में बेंची जाती थी।

दो सौ से अधिक बाइक कर चुके चोरी
डीसीपी सिटी दीपक भूकर और एसीपी श्वेताभ पांडेय ने बताया कि बाइक चोरी गैंग करीब एक साल से सिविल लाइंस एरिया में काम कर रहा था। गिरोह के सदस्यों को सिविल लाइंस बस अड्डे के पास से गिरफ्तार किया गया है। चोरी की बाइक बिकने पर गिरोह के सदस्य आपस में पैसे बांट लेते थे। गिरोह के सदस्य दो सौ से अधिक बाइक चोरी कर चुके हैं। डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में सिविल लाइंस इंस्पेक्टर भानु प्रताप, दरोगा अरविंद कुमार कुशवाहा, अभय चंद्र, एसओजी प्रभारी आशीष चौबे, अश्वनी कुमार आदि शामिल रहे।

खबर का असर
बाइक चोरी की घटनाएं आए दिन होती हैं। मगर कई बार पुलिस बाइक चोरी का केस ही दर्ज नहीं करती है तो करीब एक साल से बाइक चोरी गैंग की धर पकड़ भी नहीं की गई थी। बाइक चोरी होने पर पीडि़त लोगों के हाल को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने खबर प्रकाशित की थी। खबर का असर रहा कि पुलिस प्रशासन ने तेजी दिखाते हुए बाइक चोरी गैंग का खुलासा किया।