- जेल के अंदर काम करने का बदला टाइम-टेबल, कोहरा छंटने के बाद निकल रहे काम पर
- अपराध के आधार पर परिश्रम कराए जाने के तय है मानक व शेड्यूल
PRAYAGRAJ: ठंड के साथ ही कड़ाके की गलन और कोहरे के कहर से आम आदमी के अलावा जेल में बंदियों की लाइफ स्टाइल अच्छी-खासी बदल गई है। ठंड के तेवर देख कर कारागार प्रशासन ने बंदियों के काम करने के समय में भी बदलाव कर दिया है। आम दिनों में जहां उनको सुबह-सुबह फावड़ा-कुदाल लेकर काम करने जाना पड़ता था। इस समय कोहरा छंटने के बाद काम पर भेजा जा रहा है। बंदियों से उनके अपराध के आधार पर परिश्रम कराए जाने के मानक व शेड्यूल तय रहते हैं। पर इन दिनों तेजी से गिर रहे तापमान को देखते हुए मानक से इतर केंद्रीय कारागार प्रशासन ने बंदियों को दी जाने वाली सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की है।
चाय और अलाव की व्यवस्था
सेंट्रल जेल नैनी में सभी प्रकार के बंदियों को सुबह में ही चाय पीने को मिलती है। लेकिन ठंड से बचाव के लिए इवनिंग में भी बैरक में बंदियों को चाय पीने को दी जा रही है। रोजाना शाम को बैरकों के बाहर अलाव जलाने की व्यवस्था जेल प्रशासन ने की है। ताकि ठंड का काउंटर हो सके। इसके साथ ही बंदियों को उनके जरूरत के मुताबिक जेल में निíमत कंबल यूस के लिए दिए जा रहे हैं। बुजुर्ग महिला व पुरुष बंदियों को छह कंबल मुहैया कराया गया है। महिला बैरकों में भी जरूरत के हिसाब से कंबल प्रोवाइड कराए गए हैं।
4500
कैदी बंद है जेल में
173
हार्डकोर क्रिमनल बंद है जेल में
1510
कैदी बंद है दस साल की सजा व अजीवन कारावास में
155
महिला कैद बंद है जेल में
ठंड को देखते हुए बंदियों का काम करने का टाइम-टेबल बदला गया है। ताकि सुबह ठंड में काम न करना पड़ा। चाय की व्यवस्था बढ़ाई गई है। अलाव भी हर बैरक के बाहर जलाया जा रहा है। कंबल तक एक्स्ट्रा दिया जा रहा है।
प्रेमनाथ पांडेय, वरिष्ठ अधीक्षक कारागार