कोविड पर नहीं गंभीर, कैसा रोल मॉडल बनेंगे भावी प्रत्याशी
भावी प्रत्याशी कोविड गाइड लाइन को लेकर कितना है गंभीर इस पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने लिया जायजा
- जिला पंचायत से लेकर एसबीआई तक उमड़ा भावी प्रत्याशियों का हुजूम,
कही नहीं हुआ कोरोना प्रोटोकाल का पालन
जिले की सरकार यानी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए कवायद शुरू हो चुकी है। प्रयागराज में 15 अप्रैल को मतदान होना है। ये भावी प्रत्याशी समाज के रोल मॉडल के तौर पर समाज के सामने होंगे, पर यही भावी प्रत्याशियों समाज के लिए खतरा भी बन सकते हैं। दरअसल जिला पंचायत मुख्यालय में नामांकन पत्रों की खरीद से लेकर एसबीआई बैंक की मेन ब्रांच में चालान जमा कराने तक हजारों की संख्या में जुटे लोग न तो मास्क पहन रहे हैं और न ही सोशल डिसटेंसिंग का पालन करने में उनकी दिलचस्पी है। इस दौरान रिपोर्टर ने भावी प्रत्याशियों से मास्क नहीं पहनने का कारण पूछा तो उन्होंने बचाव में कई बहाने भी बनाए।
सौ लोगों से पूछा सवाल
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट रिपोर्टर ने जिला पंचायत मुख्यालय और एसबीआई मेन ब्रांच दोनों जगह का रुख किया। हमने यहां पर पाया कि महज 10 फीसदी लोग ही प्रॉपरली मास्क पहने थे। बाकी 60 फीसदी के पास मास्क नहीं था और बाकी तीस फीसदी ने इसे प्रॉपरली नहीं पहना था। हमने सौ भावी प्रत्याशियों से मास्क नहीं पहनने के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कई तरह के बहाने बनाए।
कितनों ने बनाया कौन सा बहाना
बहाना कितने फीसदी
1- फालतू है मास्क पहनना 20 फीसदी
2- घर पर भूलकर चले आए 25 फीसदी
3- कोरोना-वोरोना कुछ नहीं है 10 फीसदी
4- मास्क पहनने से दम घुटता है 5 फीसदी
5- पता नही कहीं गिर गया 10 फीसदी
6- आपसे क्या मतलब है 5 फीसदी
7- कोई तो नहीं पहना है, मुझसे अकेले क्यों पूछ रहे हैं 15 फीसदी
8- इतनी भीड़ में मास्क पहनने का क्या फायदा है 10 फीसदी
बिना मास्क घूमती रही पुलिस
केवल भावी प्रत्याशी ही नहीं, ड्यूटी पर तैनात पुलिस के जवानों ने भी मास्क नहीं पहना था। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब देने से मना कर दिया। उल्टे उन्होंने अखबार में नहीं पब्लिश करने की रिक्वेस्ट भी की। बता दें कि पुलिस को लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
देखकर खड़े हो गए रोंगटे
पंचायत चुनाव के भावी प्रत्याशी कोरोना से नहीं डरते हैं। लापरवाही इस हद तक है कि नामांकन पत्र लेने वाले एक पर एक चढ़े नजर आए। इक्का-दुक्का को छोड़कर किसी के पास मास्क नहीं था। एसबीआई बैंक में चालान जमा कराने गए लोगों का भी यही हाल था। यहां भी लाइन में सब एक दूसरे से चिपके हुए थे।
नामांकन में नहीं होगी लापरवाही!
तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण और पंचायत चुनाव में बरती जा रही लापरवाही पर जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने स्वास्थ्य विभाग से बात की तो उन्होंने इसे स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि तीन अप्रैल से नामांकन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। जिला पंचायत मुख्यालय सहित तमाम ब्लाकों में एहतियातन दो-दो सौ मास्क और सेनेटाइजर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
शुक्रवार को बिके कुल नामांकन पत्र
प्रधान व सदस्य- 212
बीडीसी- 195
जिला पंचायत सदस्य- 07
जिला पंचायत मुख्यालय से बिके कुल नामांकन पत्र- 136
अनारक्षित- 14
आरक्षित- 122
अब तक बिके कुल नामांकन पत्र- 1892
आ गई धारा 144 की याद
नामांकन पत्रों की खरीद में कोरोना प्रोटोकाल की ऐसी तैसी होने के बाद प्रशासन को आखिरकार नियमों का पालन कराने की सुध आ गई। एडीएम एफआर एमपी सिंह ने बताया कि इस बार कोरोना महामारी के काल में होने वाले चुनाव के लिए सभी को धारा 144 का पालन करना होगा।
जिला पंचायत मुख्यालय पर एडीएम नजूल गंगा राम गुप्ता की अगुआई में सात एआरओ काम देखेंगे, वहीं पर हर ब्लॉक में अफसरों को जिम्मेदारी दी गई है। लगातार चालान जमा करने का काम चल रहा है, फिर भी भीड़ के कारण अगर किसी ने चालान नहीं जमा किया है तो उसके लिए सभी आरओ व एआरओ को फॉर्म संख्या 385 उपलब्ध कराया गया है।
जुलूस निकालने की अनुमति किसी को भी नहीं दी गई है। सभी नामांकन केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए स्पष्ट बोला गया है। इस बार कोरोना महामारी के काल में होने वाले चुनाव के लिए सभी को धारा 144 का पालन करना होगा।
एमपी सिंह, एडीएम एफआर