गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से सभी घाट डूब गए थे। ऐसे में शव का अंतिम संस्कार करने वालों को दिक्कत हो रही थी। निगम के अफसरों की पहल पर फाफामऊ में करीब चार बिस्वा में झाडि़यां व गंदगी साफ कर चिता जलाने के लिए स्थान बनाया गया।

बाढ़ आने से दुश्वारियां भी बढ़ गई। दारागंज, रसूलाबाद, फाफामऊ, श्रृंगवेरपुर घाट भी जलस्तर बढ़ने पर डूब गए थे। ऐसे में लोगों को शवों का अंतिम संस्कार कराने में परेशानी हो रही थी। खबरें वायरल होने पर नगर निगम प्रशासन भी सक्रिय हुआ। फाफामऊ में कर्जन ब्रिज के नीचे उत्तर दिशा में झाड़ और गंदगी थी। इसकी सफाई कराने के बाद करीब 20 से 24 चिता जलाने के लिए स्थान बनाया गया। नगर निगम के जोनल अधिकारी नीरज सिंह ने बताया कि समस्या बढ़ने पर चार बिस्वा में सफाई करा दी गई है। यहां शवों का अंतिम संस्कार कराया जा सकता है।

आइजी, एससएपी ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा

करेली, करैलाबाग कछार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का गुरुवार को आइजी केपी सिंह और डीआइजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने दौरा किया। पानी से घिरे मकानों का जायजा लिया। राहत शिविरों में किए गए इंतजाम को देखा। चेतना ग‌र्ल्स इंटर कालेज में बने राहत शिविर में पहुंचे आइजी ने यहां ठहरे लोगों को खाने के पैकेट का वितरण किया। यहां से अधिकारी बक्शी मोढ़ा पुल पर पहुंचे। बिसौना, ससुर खदेरी नदी का भी निरीक्षण किया। करेली के रहमत नगर, इस्लाम नगर, करामत की चौकी समेत अन्य क्षेत्रों में दोनों अधिकारियों ने भ्रमण किया। आइजी और एसएसपी ने लोगों को बताया कि अब गंगा-यमुना के जलस्तर में कमी आने लगी है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है, जल्द ही पानी कम हो जाएगा।