प्रयागराज (ब्यूरो)नगर निगम के हाउस टैक्स असेसमेंट पर लगातार सवालिया निशान लग रहे हैं। इस बार मामला नैनी के चक रघुनाथ का है। यहां स्थित एक खंडहर का नगर निगम ने फुल रेजीडेंशियल हाउस टैक्स लगा दिया है। इस पर मकान मालिक शाहिद सिद्दीकी ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि खंडहर बीस साल से अधिक पुराना है, ऐसे में नियमानुसार हाउस टैक्स में कटौती की जानी चाहिए।

एक साल पहले दी थी अप्लीकेशन

शाहिद का कहना है कि एक साल पहले इस मामले को लेकर नगर निगम को अप्लीकेशन दी गई थी। जिसमें हमने कहा था कि खंडहर के हाउस टैक्स में छूट देने के साथ वाटर टैक्स भी कम किया जाए। क्योंकि छूट का नियम इस पर भी लागू होगा। लेकिन हमारी कोई सुनवाई नही हुई। एक साल पहले खंडहर का हाउस टैक्स 8 हजार था और वाटर टैक्स 10 हजार था। अब यह बढ़कर 10 और 12 हजार हो गया है। हाल में हमारे पास नगर निगम की ओर से नोटिस भी भेज दी गई है। जिसमें कहा गया है कि हाउस टैक्स जमा नही कराए जाने पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नगर निगम का जवाब

इस मामले में नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी का कहना है कि प्रॉपरली अप्लीकेशन दिया जाना चाहिए। मामला डिमांड स्क्रेप का है इसलिए मकान मालिक की ओर से एक शपथ पत्र भी दिया जाएगा। जिसमें लिखा जाएगा कि मकान अब खंडहर हो चुका है और इतने साल पुराना है। इसके आधार पर हाउस टैक्स का पुन: मूल्यांकन कराया जाएगा।

दूसरी लिस्ट में 352 बकाएदार

उधर नगर निगम ने हाउस टैक्स के बकाएदारों की दूसरी लिस्ट भी फाइनल कर ली है। इसमें कुल 352 बकाएदारों के नाम हैं और इन पर 6.5 करोड़ रुपए का हाउस टैक्स बकाया है। इन सभी को निश्चित समय सीमा के भीतर हाउस टैक्स जमा कराने को कहा गया है। ऐसा नही करने पर मकान को सील करने की कार्रवाई की जाएगी। बाद में कुर्की की प्रक्रिया को भी पूरा किया जाएगा।

असेसमेंट में बरती गई है कमी

लोगों का कहना है कि नगर निगम द्वारा जारी किए गए हाउस टैक्स में काफी कमियां हैं। किसी का रेजीडेंशियल मकान होने पर कामर्शियल टैकस लगा दिया गया है। किसी को छूट का लाभ नही दिया गया है। बहुत से बकाएदारों ने नगर निगम को कारण सहित पुन: असेसमेंट कराने की अपील की है। लेकिन उस पर भी सुनवाई नही की गई है। भवनों का रि असेसमेंट हो जाए तो बहुत से लोगों को टैक्स से राहत मिल सकती है। बता दें कि हाउस टैक्स के अकार्डिंग ही वाटर टैकस भी लगाया जाता है।