प्रयागराज (ब्यूरो)। मरीजों के लिए एक राहत भरी खबर है। अगले एक माह तक छावनी सामान्य अस्पताल में छह प्रकार की सर्जरी फ्री आफ कास्ट की जाएगी। इसके बदले में केवल बेड और दवाओं का भुगतान ही केंद्र सरकार की निर्धारित दरों पर करना होगा। यह फैसला बुधवार को कैंटोनमेंट बोर्ड की मासिक बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष ब्रिगेडियर एमएस सिद्धू ने लिया।
इन सर्जरी का नहीं देना होगा शुल्क
फ्री सर्जरी की सुविधा एक फरवरी से दो मार्च तक दी जाएगी।
जिसमें गॉल ब्लेडर, हार्निया, बच्चेदानी, प्रोस्टेट, पेट का ट्यूमर, पाइल्स व फिशर की सर्जरी शामिल होगी।
इसके अलावा केंद्र सरकार की दर के आधार पर बेड व दवाईयों का खर्च मरीजों को देना पड़ेगा।
बैठक में निर्णय लिया गया कि छावनी परिषद की अकबरपुर रोड पर आम जनता के लिए शौचालय ब्लॉक बनाया जाएगा।
कैंटोनमेंट बोर्ड की बैठक में भारत सरकार की तरफ नॉमिनी सदस्य विनोद कुमार वाल्मीकि व प्रभारी सीईओ अमित मिश्रा मौजूद रहे।
यह निर्णय भी लिए गए
छावनी सामान्य अस्पताल में जल्द ही मरीजों को मॉड्यूलर ओटी की सुविधा शुरू होने जा रही है।
यह शहर में एसआरएन के बाद दूसरी सरकारी माड्यूलर ओटी होगी।
यहां पर न्यूरो, गैस्ट्रो, कैंसर, आर्थोपेडिक, प्लास्टिक सहित कई अन्य प्रकार की सर्जरी मौजूद रहेंगी।
ओटी का लगभग 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। फरवरी के अंत तक ओटी का काम पूरा हो जाएगा।
आयुष्मान लाभार्थियों, सीजीएचएस और पंडित दीन दयाल उपाध्याय कैशलेस के तहत भी मरीजों का इलाज किया जाएगा।
भविष्य में छावनी सामान्य अस्पताल में घुटना प्रत्यारोपण की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।
यहां मरीजों को ओपीडी से लेकर सर्जरी तक का खर्च केंद्र सरकार की निर्धारित दरों पर देना होगा।
लखनऊ पीजीआई भेजे गए एसडीएम
अरुणाचल प्रदेश के एक जिले के एसडीएम गौरव पवार को दिल का दौरा पडऩे के बाद बुधवार सुबह लखनऊ पीजीआई रेफर कर दिया गया। उनका इलाज छावनी सामान्य अस्पताल में चल रहा था। दिल्ली शहदरा निवासी गौरव डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस से सोमवार को असम जा रहे थे तभी उन्हे मनौरी के पास दिल का दौरा पड़ा। इसके बाद तीस साल के एसडीएम को बेली अस्पताल में भर्ती कराया गया। गंभीर हालत में उन्हें बेली से छावनी अस्पताल भेज दिया गया था। जहां उन्हें आईसीयू में एडमिट किया गया था। बेहतर इलाज के लिए उन्हे लखनऊ भेजा गया है। इस दौरान एसडीएम के परिवारजन भी मौजूद रहे। इसके साथ ही म्योराबाद के रहने वाले उमेश मिश्रा को भी बुधवार को घर भेज दिया गया। उनको हाल ही में दिल का दौरा पड़ा था। इस मौके पर उनकी जेब में राम किट मौजूद थी। जिसे खाने के बाद उनकी जान बच गई। इसके बाद उनका इलाज छावनी अस्पताल में किया जा रहा था।