- इंडियन डायबिटीज डे पर आई नेक्स्ट ने ऑर्गनाइज किया डायबिटिक न्यूरोपैथी कैंप
- 20 फीसदी मरीजों में मिले लक्षण, फ्री ऑफ कास्ट हुई जांच
ALLAHABAD: लंबे समय से डायबिटीज के मरीज थे, लेकिन कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया। पैरों में सुन्नपन की शिकायत थी लेकिन कारण पता नहीं चल रहा था। अब जांच में पता चल गया है तो डॉक्टर साहब दवा लिख दीजिए। यह उन मरीजों का कहना था जो आई नेक्स्ट की ओर से शनिवार को इंडियन डायबिटीज डे के मौके पर लगाए गए डायबिटिक न्यूरोपैथी कैंप में पहुंचे थे। जांच में न्यूरोपैथी के लक्षण पाए जाने पर डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू कर दिया।
समय पर इलाज शुरू कराना जरूरी
जार्जटाउन स्थित आरोग्य न्यूरो क्लीनिक में न्यूरो फिजीशियन डॉ। एसके मिश्रा और टैगोरटाउन स्थित फिजीशियन डॉ। आनंद मिश्रा की क्लीनिक पर शनिवार को डायबिटिक न्यूरोपैथी कैंप का आयोजन किया गया था। जहां पर सुबह से ही मरीजों की खासी भीड़ लगी थी। उनका फ्री ऑफ कास्ट चेकअप किया गया। इस दौरान डायबिटीज के बीस फीसदी मरीजों में डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षण पाए गए। उन्होंने नसों में सुन्नपन होने की शिकायत की। हालांकि, उन्हें मालूम नहीं था वह इस बीमारी से ग्रसित हैं। यह जांच के बाद पकड़ में आया।
हार्मोनल चेंजेस से पनपती है बीमारी
डॉक्टर्स ने बताया कि डायबिटीज का मर्ज जब पांच साल से अधिक पुराना हो जाता है तो हार्मोस में चेंजेस होने से शरीर के निचले हिस्सों में खून का प्रवाह कम हो जाता है। इससे पैरों में सुन्नपन की शिकायत होने लगती है। समय रहते जांच और इलाज नहीं कराने से बीमारी बढ़ जाती है और पैरों के घाव जल्दी ठीक नहीं होते। जिससे अंग को काटने की नौबत पैदा हो जाती है। यही रीजन है कि डायबिटिक न्यूरोपैथी की जांच मरीजों को समय-समय पर करानी चाहिए।
मरीजों ने बोला थैंक्स
मार्केट में डायबिटिक न्यूरोपैथी टेस्ट की फीस देनी पड़ती है जबकि आई नेक्स्ट की ओर से यह जांच फ्री ऑफ कास्ट कराई गई। जिससे मरीजों को काफी सहूलियत हुई। कैंप के दौरान डॉक्टर्स ने उचित सलाह देकर दवाएं लिखीं। इस मौके पर फॉर्मास्युटिकल कंपनी एल्केम लेबोरेटरीज लिमिटेड की ओर से एरिया मैनेजर मनीष कुमार सिंह और नीरज पांडेय का विशेष सहयोग रहा। आई नेक्स्ट के न्यूज एडिटर श्याम शरण श्रीवास्तव ने डॉ। एसके मिश्रा और डॉ। आनंद मिश्रा को बुके देकर सम्मानित किया।