साइबर क्राइम सेल ने बना रखा है फारमेट, डिटेल फिल करके कर रहे हैं ह्वाट्सएप

देनी होगा ट्रांजेक्शन आईडी कोड, थोड़ी सी सतर्कता से वापस मिल सकती है रकम

लूकरगंज के रहने वाले प्रभाकर त्रिपाठी के खाते से तीन बार में करीब पचास हजार रुपये निकाल लिये गये। उन्होंने न तो किसी को ओटीपी बतायी थी और न ही उनके पास कोई मैसेज आया था। पड़ताल करने पर पता चला कि उनके मोबाइल में किसी ने एनी डेस्क एप डाउनलोड कर दिया था। इसी के जरिए पूरा खेला किया गया है। उनके साथ हुई घटना में चौंकाने वाला एक फैक्ट यह भी था कि पहली बार खाते से पैसा निकलने के बाद उन्होंने बैंक को इसकी सूचना दे दी। इसके बाद भी उनके खाते से दो और बार पैसे निकल गये। प्रभाकर जैसा फ्रॉड झेलनेवाले तमाम लोग हैं। उन्हें पता ही नहीं है कि शिकायत का कौन सा तरीका सबसे कारगर होगा। कैसे उनका पैसा वापस भी मिल सकता है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट इस सवाल के साथ पहुंचा साइबर सेल के पास। यहां बेहद काम की बात पता चली। आपभी इसे जानें शायद किसी की मदद हो जाए।

ठगी होने पर उठाएं यह कदम

साइबर सेल प्रयागराज के मोबाइल नंबर 7839876652, 9454405263 या फिर cyber--ps.pg@nip.in ईमेल आईडी पर शिकायत दर्ज कराएं।

एक लाख व उससे अधिक की ठगी होने पर मोबाइल नंबर 7839876652 और cyber-ps.pg@nip.in ईमेल पर ही शिकायत करें

एक लाख से कम की ठगी पर मोबाइल नंबर 9454405263 पर शिकायत दर्ज कराएं

शिकायती आवेदन के साथ पासबुक की छायाप्रति या फिर मनी ट्रांजेक्शन कोड जरूर शेयर करें

जिस ऐप के माध्यम से ठगी की गई है उसके स्क्रीन शॉट भेजें

इस पूरी प्रक्रिया को एक कंप्लेंट फॉर्मेट में करना होगा। जिसका फार्मेट न्यूज पेपर में दिया गया है।

इसके साथ ही तत्काल एक शिकायत अपने बैंक प्रबंधन को भी करें

बैलेंस कटने पर नहीं आता है मैसेज तो करें अपडेट

लोगों के साथ जब भी फ्रॉड होता है। आमतौर पर उनके मोबाइल नंबर पर मैसेज फौरन प्राप्त नहीं होता है। कई बार इस कारण भी लोगों को ठगी होने की जानकारी काफी देर में पता चल पाती है। इस कंडीशन में लोगों को सबसे पहले अपने मेन ब्रांच या फिर नेट बैकिंग यूज करते हैं तो उसके माध्यम से अपने मोबाइल को अपडेट करना होगा। ताकि एकाउंट से पैसा कटते ही पैसा फौरन प्राप्त हो सके। एकाउंट होल्डर अपने दो मोबाइल फोन नंबर को भी अपडेट करा सकते है। बैंक संबंधित बातचीत या फिर मनी ट्रांजेक्शन के बाद खासतौर पर बैलेंस को चेक करें।

साइबर अपराध से कैसे बचें

उसी एटीएम बूथ में एटीएम कार्ड का प्रयोग करें, जहां गार्ड मौजूद रहे

पिन डालते समय अपनी हथेली से छिपाकर डाले

अपना एटीएम पिन समय-समय पर बदलते रहे

जहां तक सम्भव हो बैंक परिसर में स्थित एटीएम का ही प्रयोग करें

एटीएम मशीन में अधिक व्यक्ति हों तो पैसे निकालने से बचें

अपने एटीएम कार्ड का पिन संख्या अज्ञात को न दिखायें न बतायें

फोन कॉल फ्रॉड

वो फोन कॉल जिसमें आपकी बैंक सम्बन्धी जानकारी मांगी जा रही हो, उनसे जानकारी साझा करने से बचें

मैसेज द्वारा प्राप्त कोई लिंक ओपन करने से बचें

अपने बैंक एकाउंट में कोई भी अपडेट करना हो तो बैंक में जाकर ही करें

कभी भी अपनी बैंक सम्बन्धी जानकारी फोन पर शेयर न करें

आपके फोन आये किसी ओटीपी को किसी से साझा न करें

ऐसा कोई भी इनाम या लॉटरी का मैसेज जिसका आपने आवेदन नहीं किया है उसको ओपन न करें

किसी इनामी योजना के फोन कॉल पर कोई जानकारी शेयर न करें

किसी भी प्रकार का ऐसा एप जैसे एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट, टीमव्यूअर आदि मोबाइल से इंस्टॉल न करें

2021

के तीन महीने में ऑनलाइन ठगी का 10 लाख 46 हजार कराया गया वापस

2020

में ऑनलाइन ठगी का लगभग 35 लाख 55 हजार रुपये कराया गया वापस

2019

में ऑनलाइन ठगी का लगभग 9 लाख 60 रुपये कराया गया वापस

06

करोड़ रुपये के करीब पिछले तीन सालों में ठगी कर चुके हैं साइबर शातिर

4821

शिकायतें वर्ष 2020 में हुई है प्राप्त

3738

शिकायतें वर्ष 2019 में हुई है प्राप्त

1573

शिकायतें वर्ष 2021 में एक जनवरी से 31 मार्च तक हुई है प्राप्त

मनी फ्रॉड के मामलों में हमेशा सतर्कता बरतें। ठगी की जानकारी होते ही तुरंत इसकी शिकायत करें। शिकायत जितनी जल्द मिलेगी उतना ही तेज पुलिस कार्रवाई करेगी।

राजीव तिवारी

साइबर क्राइम थाना प्रभारी