प्रयागराज (ब्यूरो)। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलरी एसोसिएशन की उप्र शाखा ने ज्वैलर्स को इस धोखाधड़ी के प्रति आगाह किया है। शाखा का कहना है कि गोल्ड की तरह कई धातुओं का मिश्रण करके एक विशेष धातु बनाई गई है जो बिल्कुल स्वर्ण की तरह ही है। जिसमें 20 परसेंट से लेकर 30 पर्सेंट तक सोने का भी उपयोग किया गया है। उसका जेवर बनने के ऊपर बिल्कुल प्योर सोने जैसा ही कलर आता है काटने पर भी पता नहीं चलता है। इस समय मार्केट में इस गोल्ड का चलन बढ़ गया है। लोग जाने अनजाने इससे बनी ज्वैलरी को खरीद या बेच रहे हैं।
ऐसे हो सकता है बचाव
- सोने को गलाने के बाद टंच कराने पर इसकी असलियत सामने आ जाती है।
- जो लोग सोने को छूकर या पकड़कर परखते हैं उन्हें आसानी से अंदाजा होगा।
- मेल्टिंग मशीन से भी चेक किया जा सकता है।
- पुरानी खरीद करने पर केवाईसी जरूर लें कोशिश करें केवाईसी एक से दो तरह की हो।
- अगर शक है तो फिर चेक से भुगतान करें।
घातक है सोने की अचानक बिक्री
अक्सर देखने में आता है कि लोग इमरजेंसी का नाम बताकर सोने के गहने औने पोने दाम पर बेच देते हैं। सामने वाला लालच में आकर उसे खरीद भी लेता है। ऐसे में हो सके तो सोने का टंच कराकर देख लें। इससे उसकी असलियत का अंदाजा हो जाएगा। मार्केट में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। सोनार भी सस्ते के फेर में लोगों के झांसे में आ जाते हैं।
लखनऊ लेवल पर ज्वैलर्स को सचेत किया गया है। मार्केट में मिलावटी सोना बिक रहा है। खासकर ओल्ड गोल्ड से सतर्क रहने की जरूरत है। आम जनता को इसके बारे में जानकारी नही है।
दिनेश सिंह, अध्यक्ष, प्रयाग सर्राफा एसोसिएशन
देखने में यह असली सोने जैसा लगता है लेकिन असलियत कुछ और होती है। ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। इसलिए हो सके तो सोने की गुणवत्ता को परखने के बाद ही खरीदें।
शोभित रस्तोगी, महामंत्री, प्रयाग सर्राफा एसोसिएशन