प्रयागराज ब्यूरो । यूजीसी और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में प्रो। राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) स्टेट यूनिवर्सिटी ने अपने सभी कोर्सेज में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अनुसार सभी यूजी और पीजी कोर्सेज में स्टेज वाइज इंट्री और एग्जिट की व्यवस्था लागू कर दी है। इसके अनुसार एक साल भी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने और परीक्षा में शामिल होने पर वह साल खराब नहीं होगा। एक साल बाद उसे सर्टिफिकेट की डिग्री दे दी जाएगी। इसके बेस पर वह नेक्स्ट इयर में किसी भी दूसरे संस्थान में दाखिला ले सकता है। दो साल कम्प्लीट होने पर छात्र को डिप्लोमा और तीन साल कम्प्लीट होने पर यूजी की डिग्री दी जाएगी।

चार साल पर शोध सहित ऑनर्स

चार वर्ष पूर्ण करने पर शोध सहित ऑनर्स स्नातक तथा पांच वर्ष पूर्ण करने पर परास्नातक की उपाधि प्रदान की जाएगी। यानी यूजी कोर्स में प्रवेश लेकर छात्र सीधे पीजी की डिग्री लेकर एग्जिट कर सकता है। यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया है कि मेन कैंपस और सम्बद्ध कॉलेजेज में पढ़ाई कर रहे बीए, बीकॉम और बीएससी के छात्र जो अपना तीन वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण कर चुके हैं वे चतुर्थ वर्ष में भी प्रमोट हो सकेंगे। ये छात्र चार वर्ष का स्नातक पूर्ण करने के पश्चात एक वर्ष का पीजी कोर्स एड कर सकेंगे। यूजीसी द्वारा वर्तमान में चार वर्ष के स्नातक विद्यार्थियों को सीधे नेट परीक्षा में सम्मिलित होने और पीएचडी कोर्स में प्रवेश लेने की सुविधा प्रदान की गई है। विश्वविद्यालय द्वारा गठित समिति ने उक्त सन्दर्भ में अध्यादेशों एवं दिशानिर्देशों का निर्माण कर लिया है जिसे आगामी विद्या परिषद में अनुमोदन होने के पश्चात विस्तृत अधिसूचना जारी की जाएगी। सभी महाविद्यालय अपने यहाँ पंजीकृत विद्यार्थियों को चतुर्थ वर्ष में प्रमोट होने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसके अलावा दो वर्ष के पीजी कोर्स में भी लेटरल इंट्री के माध्यम से प्रवेश होंगे। ये सभी विद्यार्थी स्नातक चतुर्थ वर्ष में अध्ययनरत विद्यार्थियों के साथ ही अपना परास्नातक पूर्ण कर सकेंगे।

चौथे साल में एक सब्जेक्ट सेलेक्ट करना होगा

यूनिवर्सिटी की तरफ से तैयार की जा रही गाइड लाइन के अनुसार तीन वर्ष का स्नातक पूर्ण करने वाले विद्यार्थी अपने दो मेजर विषयों में से किसी एक विषय से चतुर्थ वर्ष में प्रवेश लेंगे और अध्ययन करेंगे तभी उन्हें शोध सहित ऑनर्स की उपाधि प्रदान की जाएगी। फोर्थ इयर के सेकंड सेमेस्टर में शार्ट रिसर्च को भी एड कर दिया गया है। फिफ्थ इयर के लास्ट सेमेस्टर को रिसर्च के लिए डेडीकेट किया जायेगा। चार साल का यूजी कोर्स पूरा करने वाले छात्र पी-एचडी में एडमिशन के लिए क्वालीफाई माने जाएंगे। लेकिन, पी-एचडी के दौरान उनको एक वर्ष का कोर्सवर्क करना पड़ेगा। ऐसे छात्र जो पांच साल पूरा करके पीजी की डिग्री प्राप्त करेंगे उन्हें पी-एचडी पाठ्यक्रमों में कोर्सवर्क से छूट का प्राविजन किया गया है। वे छात्र जो रेग्युलर तीन साल का यूजी कोर्स कम्प्लीट कर चुके हैं और पीजी कोर्स में एडमिशन लेंगे उन्हें विषय की पूर्व पात्रता के आधार पर लेटरल इंट्री के माध्यम से प्रवेश की सुविधा मिलेगी।

लेटेस्ट चेंज और उसके प्राविजन्स

तीन वर्षीय स्नातक, चार वर्षीय शोध सहित ऑनर्स यूजी व एक वर्षीय पीजी कोर्स प्रारम्भ।

दो वर्षीय परास्नातक हेतु लेटरल इंट्री का प्रावधान।

चतुर्थ एवं पंचम वर्ष शोध एवं अनुसन्धान पर केन्द्रित।

कौशल विकास, उद्यमशीलता आधारित पाठ्यक्रम।

बहु-प्रवेश एवं बहु-निकास की सुविधा।

सेमेस्टर, क्रेडिट एवं ग्रेडिंग प्रणाली।

सतत एवं समग्र मूल्यांकन प्रणाली।

समर इंटर्नशिप में सामुदायिक अनुसंधान पर जोर।