प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर से क्योटी फाल पिकनिक मनाने जा रहे चार युवकों की मौत हो गई। क्योटी फाल रोड पर कार सड़क के किनारे खाईं में गिर गई। मौके पर ही चारों ने दम तोड़ दिया। कार सवार दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। मरने वालों के घर जब सूचना पहुंची तो घरवाले बदहवास हो गए। रो-रोकर उनका बुरा हाल हो गया। परिजन पहुंचे तो पोस्टमार्टम के बाद उनका शव मिला। रात में सभी के शव शहर लाए गए। मृतकों के घर भारी भीड़ रही।
11 लोग जा रहे थे क्योटी फाल
कोठापार्चा का रहने वाला शिवम केसरवानी, कीडगंज का पंकज जायसवाल, मु_ीगंज का मनीष जायसवाल और झूंसी का सत्यजीत चटर्जी अपने साथियों के साथ क्योटी फाल जा रहा था। रास्ते में क्योटी फाल से करीब दो किलोमीटर पहले शिवम की कार मोड़ पर अनियंत्रित हो गई। जिससे कार सड़क किनारे गहरी खाईं में चली गई। कार में छह लोग थे। पंकज, मनीष, सत्यजीत, शिवम की मौत हो गई। मौके पर चारों ने दमतोड़ दिया। जबकि वरुण केसरवानी और पंडित निवासी मु_ीगंज गंभीर रूप से घायल हो गए।
शिवम करता था सुपारी का कारोबार
कोठापार्चा पनीर वाली गली के रहने वाले केशव केसरवानी सुपारी के बड़े कारोबारी हैं। उनका एकलौता बेटा शिवम केसरवानी भी धंधे में हाथ बंटाता था। शिवम की तीन बड़ी बहने हैं। उनकी सभी की शादी हो चुकी है। शिवम की अभी शादी नहीं हुई थी।
प्रापर्टी का काम करता था पंकज
कीडगंज थाने के पास रहने वाला पंकज प्रापर्टी डीलिंग का काम करता था। वह तीन भाइयों में बीच का था। बड़े भाई नीरज और छोटा भाई अन्नू है। पंकज की पत्नी पूजा जायसवाल और बेटी वैभवी है।
तैयारी कर रहा था सत्यजीत
झूंसी आवास विकास कालोनी का रहने वाला सत्यजीत चटर्जी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। उसकी बहन स्वाती और सुचित्रा है। पिता समीर चटर्जी की घर के पास ही मेडिकल स्टोर है।
गिट्टी का कारोबारी था मनीष
मु_ीगंज का रहने वाला मनीष जायसवाल गिट्टी कारोबारी था। दो भाई में मनीष छोटा था। बड़े भाई का नाम गुड्डू है। पिता बब्बू जायसवाल की मृत्यु हो चुकी है। पत्नी टीना जायसवाल और बेटा आदित्य है।
हादसा देख कलेजा मुंह को आ गया
दूसरी कार में पांच लोग थे। सिदर्थ चटर्जी, सव्यसाची चटर्जी, सौरभ जायसवाल और गुड्डू यादव। ये चारों कीडगंज के रहने वाले हैं। जबकि पंकज सिंह बैरहना का रहने वाला है। इनकी कार करीब दो सौ मीटर पीछे थे। शिवम की कार आगे चल रही थी। हादसा होने के करीब पांच मिनट बाद सिदर्थ की कार मौके पर पहुंची। मोड़ की वजह से इनकी कार धीमे थे। सिद्र्थ ने खाई में कार पलटी देखी तो चिल्ला पड़ा। सभी कार से उतरकर नीचे खाईं में उतरे। वहां वरुण और पंडित गंभीर रूप से घायल थे। बाकी चारों दम तोड़ चुके थे।
उजड़ गए दो परिवार
घटना में दो परिवार उजड़ गए। शिवम केसरवानी अपने मां पिता का एकलौता बेटा था। जबकि सत्यजीत चटर्जी भी अपने घर का एकलौता था। दोनों परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल था। शिवम का शव घर पहुंचा तो मां और पिता बदहवाश होकर बेटे के शव से लिपट गए। शिवम के घर भारी भीड़ थी।