प्रयागराज (ब्यूरो)। दीपावली पर पटाखे जलाने में लापरवाही बरतने पर चार दर्जन लोग घायल हो गए। इनके आंखों से लेकर हाथ पैर आग से झुलस गए। इलाज के लिए परिजन इन्हेेें आनन फानन में एमडीआई, एसआरएन अस्पताल समेत प्राइवेट अस्पतालों में लेकर गए। डॉक्टर्स का कहना है कि पटाखे जलाने में लापरवाही बरतने पर ऐसा हुआ है। सभी का इलाज किया गया है।
जाते जाते बची आंख की रोशनी
एमडीआई अस्पताल, एसआरएन अस्पताल सहित प्राइवेट नर्सिंग होम्स में दो दिन के भीतर चार दर्जन मरीज पटाखों से झुलस कर पहुंचे। इनमें 36 मरीज आंखों के चोटिल होने के थे। इनकी आंखों की रोशनी जाते जाते बची। डॉक्टरों की मानें तो हर साल लोगों को बताया जाता है, कि आतिशबाजी करते समय सावधानी बरतें। मगर फिर भी कई लोग अपनी जाने जोखिम में डाल देते हैं।
क्या क्या हुई दिक्कत
एमडीआई अस्पताल में रविवार को 17 और सोमवार को कुल घायल मरीज 13 मरीज अपना इलाज करने पहुंचे। इनमें से अधिकतर मरीजों की आंख गंभीर रूप से घायल थी। इन सभी की आखों में चोट आतिशबाजी करने के दौरान लगी थी। नेत्र विशेषज्ञों की मानें तो कई लोगों की आखें के पास घाव, कुछ की आंख की पुतली के पास घाव और कुछ की आंख में खून का धक्कापन हो गया था। यह सभी मरीज प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़ व फतेहपुर सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। एमडीआई अस्पताल के डायरेक्टर प्रो। एसपी सिंह का कहना है कि आंख के कुछ मरीजों को ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। इसके अलावा कुछ लोग बारूद वाला हाथ अपनी आंखों पर लगाते हैं, जिसकी वजह से आंखों में घाव बन जाता। कुछ लोग पटाखे जलाते समय दूरी नही बना सके और चोटिल हो गए। कई मरीजों की शिकायत थी कि पटाखे की आवाज से उनके कान सुन्न हो गए हैं। उनको कुछ सुनाई नही दे रहा है। उनका इलाज भी अस्पतालों में किया गया है।