- जून में जांच के लिए बीएचयू भेजा गया था सैंपल
- स्वास्थ्य विभाग की माने तो कोई नई बात नहीं, इसी वैरिएंट से आई थी दूसरी लहर
प्रयागराज- कोरोना संक्रमण को लेकर थोड़ा सा होशियार होने की जरूरत है। क्योंकि प्रयागराज में 126 देशों में कहर मचाने वाले कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। हालांकि यह सैंपल जून में जांच के लिए भेजे गए थे और इनमें डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले में दूसरी लहर का कारण यही वैरिएंट था। अब हमारी तैयारी डेल्टा प्लस वैरिएंट से निपटने की चल रही है। क्योंकि दुनियाभर में फैले संक्रमण के पीछे यही वायरस कारण बना हुआ है। इसलिए ज्यादा परेशान होने की बात नहीं है।
सात में चार पाजिटिव
यह सैंपल जून माह में बीएचयू की लैब में भेजे गए थे। क्योंकि प्रयागराज में जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच नहीं होती है। इसके पहले सैंपल दिल्ली जांच के लिए गए थे लेकिन वहां से रिपोर्ट नहीं आई। लेकिन बीएचयू से जब रिपोर्ट आई तो स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े हो गए। इनमें सात में से चार की जांच रिपोर्ट में डेल्टा वैरिएंट का हैवी लोड पाया गया है।
गंभीरता से नहीं ले रहा विभाग
स्वास्थ्य विभाग इस रिपोर्ट को बहुत गंभीरता सेश् नहीं ले रहा है। अधिकारियों की माने तो लोगों को कोरोना संक्रमण से होशियार रहना चाहिए। लेकिन यह वैरिएंट की वजह से दुनियाभर में दूसरी और तीसरी लहर आई है। 126 देशों में डेल्टा वैरिएंट फैला था और उसी समय देशभर में अप्रैल से जून के बीच दूसरी लहर आई थी। प्रयागराज के भी 80 फीसदी मामलों का कारण यही वैरिएंट रहा है।
सिरदर्द बना यह सवाल
अगर स्वास्थ्य विभाग की बात पर यकीन किया जाए तो अब प्रयागराज को डेल्टा वैरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है। सवाल यह उठता है कि अप्रैल से जून तक यह वैरिएंट तबाही मचा रहा था तब संक्रमण के पीक पर जीनोम सीक्वेंसिंग क्यों नहीं कराई गई। अब जबकि वैरिएंट की पुष्टि हुई है तो लोगों में डर फैलना लाजिमी है।
लगातार रूप बदल रहा कोरोना
कोरोना वायरस लगातार खुद को बदल रहा है। पहली लहर में कोरोना का जो वैरिएंट था उससे डेल्टा वैरिएंट काफी अलग है। यह वैरिएंट बहुत तेजी से संक्रमण फैलाता है और इसके लक्षण भी कई लोगों में गंभीर देखे जाते हैं। जिसमें सबसे अहम फेफड़े का संक्रमण है। वर्तमान में दुनिया के कई देशों में कोरोना का नया वैरिएंट सामने आया है। जिसे डेल्टा प्लस कहा जा रहा है। इसके लक्षणों में कई बदलाव देखे जा रहे हैं। यही कारण है कि देशभर में जीनोम सीक्वेंसिंग के तहत सैंपलों की जांच की जा रही है जिससे डेल्टा प्लस की मौजूदगी का पता लगाया जा सके।
वैरिएंट कोई भी हो, आपको रहना है सतर्क
डॉक्टर्स का कहना है कि पब्लिक को वैरिएंट पर फोकस नहीं करना चाहिए। यह कोई भी हो सकता है। पब्लिक को बस कोविड प्रोटोकाल फालो करना है। आपस में दो गज की दूरी बनाने के साथ मास्क का उपयोग करना है। हाथों को सेनेटाइज करना है। संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाते हुए भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना है।
चिंता की बात नहीं है। डेल्टा वैरिंएट जांच में आया है। यह वायरस पहले ही दूसरी लहर का कारण बन चुका है। अब हमारी ओर से सैंपल डेल्टा प्लस की जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। लोगों को संक्रमण से बचना जरूरी है। वैरिएंट कौन सा इसकी जांच लगातार चल रही है।
प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज