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बजे केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी करेंगे वर्चुअल शिलान्यास

90

दिन के भीतर प्लांट से आक्सीजन का उत्पादन शुरू होना रखा गया है लक्ष्य

1500

सिलेंडर तक प्रतिदिन आक्सीजन उत्पादन का है लक्ष्य

350

घनमीटर प्रति घंटा तक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा

कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए तैयार हो रहा है सिस्टम

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी से हुई मौतों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए शासन और प्रशासन ने कमर कसनी शुरू कर दिया है। यही कारण है कि प्रयागराज में एक और आक्सीजन प्लांट लगने जा रहा है। बुधवार को इसका शिलान्यास होगा और तीन महीने के भीतर यहां आक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा।

केन्द्रिय मंत्री वर्चुअली जुड़ेंगे

बुधवार को दिन में सरस्वती हाई टेक सिटी प्रिमाइस में शिलान्यास समारोह के दौरान चीफ गेस्ट के रूप में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जुड़ेंगे। प्रदेश सरकार के मंत्री और अफसर भी यहां मौजूद रहेंगे।

सरकारी अस्पतालों को होगी सप्लाई

इस प्लांट के जरिए होने वाले आक्सीजन की सप्लाई सरकारी अस्पतालों को आजीवन नि:शुल्क की जाएगी। कोरोना तीसरी लहर की संभावित आगमन को देखते हुए तैयारियों की एक कड़ी यह साबित हो सकता है। इस प्लांट को प्राभव्य इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से लगाया जा रहा है। इसके अलावा दो दर्जन प्राइवेट अस्पताल भी अपने यहां आक्सीजन प्लांट लगा रहे हैं। इनके यहां प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसमें बेली में आक्सीजन प्लांट की स्थापना और एसआरएन में तीसरी लहर की दस्तक से पहले लिक्विंड प्लांट तैयार कर देने की तैयारी पूरी कर ली गयी है। तेलियरगंज में भी एक प्लांट हाल में शुरू किया गया है। कुल मिलकर तीसरी लहर से पहले प्रशासन और शासन आक्सीजन की आपूर्ति का मजबूर करना चाहते हैं।

सिद्धार्थनाथ भी रहेंगे मौजूद

सरस्वती हाई टेक सिटी प्रिमाइस में होने जा रहे आक्सीजन प्लांट के निर्माण की आधारशिला रखे जाने के समय प्रदेश सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे। बता दें कि प्रदेश सरकार की तरफ से उन्हें इस विशेष प्रयोजन के लिए अधिकृत किया गया है। वह बुधवार को यहां पहुंचेंगे और इस प्रोग्राम का हिस्सा बनने के बाद नाइट स्टे भी करेंगे। सूत्रों का कहना है कि डिप्टी सीएम केशव मौर्या भी प्रोग्राम का हिस्सा बनेंगे। देर रात तक उनका प्रोटोकॉल जारी न होने से स्पष्ट नहीं हो सका था कि वह रहेंगे या नहीं। सेम यही स्थिति जिले के प्रभारी मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह की भी रही।