प्रयागराज (ब्यूरो)अतिशान ने 14 साल की उम्र में चोरी को अपना कॅरियर बना लिया। छोटी मोटी चोरियों को अंजाम देते देते अतिशान ने बड़े हाथ मारना शुरू कर दिया। इस साल बीते चार महीने में अतिशान ने बीस लाख से ज्यादा के माल पर हाथ साफ कर दिया। अतिशान के गैंग में उसके अलावा दो अन्य मेंबर हैं। करेली पुलिस ने तीनों को पकड़ लिया है। पकड़े जाने के बाद इन तीनों के कब्जे से चोरी किए गए गहने बरामद किए गए हैं। जिनकी कीमत करीब पंद्रह लाख रुपये है। नकद भी बरामद किया गया है। पुलिस ने तीनों को जेल भेज दिया है।

दो घंटे में मकान साफ
अतिशान अपने दो साथियों कैश और सिनाउल उर्फ बंटा के साथ महज दो घंटे में घर साफ कर देता था। इतने समय में वह रेकी करता था। अंदर घुसने का रास्ता समझता था फिर ताला तोड़कर हाथ साफ कर देता था। ताला तोडऩे का काम बंटा करता था। सामान कैश समेटता था। अतिशान अंदर से बाहर नजर रखता था।

चोरी के पहले करता था रेकी
अतिशान ने रेकी करने में खुद को माहिर किया। वह पहले रेकी करता था। वह भांप लेता था कि अंदर घुसना ठीक है या नहीं। इसके बाद एक एक करके तीनों अंदर जाते थे। बंटा ताला तोड़कर अंदर दाखिल होता था। बंटा पश्चिम बंगाल मालदा का रहने वाला है। वह यहां कसारी मसारी में रहता है। बंटा ताला तोडऩे में बेहद माहिर है। कैसा भी ताला हो, बंटा उसे एक से दो मिनट में तोड़ देता है। बंटा आलमारी का भी ताला तोडऩे का हुनर रखता है। जब अतिशान को इसका पता चला तो उसने बंटा को अपने गैंग में शामिल कर लिया।


इन वारदातों को दिया अंजाम
1- बेनीगंज के रहने वाले सौम्य मिश्रा परिवार के साथ 11 जनवरी को अपनी बहन के घर गए। घर में ताला बंद था। दूसरे दिन शाम को पांच बजे सौम्य की मां ने फोन करके पड़ोसी से अपने घर का हाल पूछा। पता चला कि मेन दरवाजे में ताला नहीं बंद है। पड़ोसी दरवाजा खोल कर अंदर गया तो पहले दरवाजे का ताला टूटा नीचे पड़ा था। दरवाजा खोलने के बाद वह चिल्लाने लगे। आधा घंटा में सौम्य अपने घर पहुंचे। 13 जनवरी को करेली थाने में सौम्य ने पांच के गहने और नकदी चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई।

2- बेनी गंज के रहने वाले पंकज राज अपने परिवार के साथ 12 अप्रैल को शाम के करीब सात बजे घर से निकले। उन्हें अपनी बहन के घर प्रोग्राम में जाना था। रात में करीब दो बजे वह लौटे तो यहां ताला टूटा मिला। बाहर से अंदर तक सभी ताले टूटे थे। आलमारी खुली पड़ी थी। करीब साढ़े सात लाख रुपये के गहने और नौ हजार नकदी गायब थी। पंकज राज ने 13 अप्रैल को करेली थाने में केस दर्ज कराया।

3-बेनी गंज के रहने वाले कुलदीप श्रीवास्तव 14 मार्च को लखनऊ चले गए। कुलदीप की बेटी लखनऊ में रहती है। कुलदीप परिवार के साथ गए थे। यहां पर ताला बंद था। रात में करीब तीन बजे कुलदीप को उनके पड़ोसी दीनानाथ सिंह यादव ने फोन किया। बताया कि आपके घर का मेन गेट बड़ी देर से खुला हुआ है। आप आ गए हैं तो गेट क्यों खुला है। यह सुनकर कुलदीप का माथा घूम गया। वह आननफानन में लखनऊ से रवाना हो गए। सुबह साढ़े आठ बजे वह अपने घर पहुंचे। यहां पर मेनगेट से लेकर अंदर तक का दरवाजा खुला हुआ था। सभी ताला टूटा था। आलमारी में रखा करीब साढ़े पांच लाख का गहना और नकदी गायब थी।

4-जीटीबी नगर तिरंगा चौराहा के पास रहने वाले कुंवर देवेंद्र प्रताप सिंह अपने परिवार के साथ 19 अप्रैल को वैष्णोदेवी दर्शन के लिए चले गए। मकान में ताला बंद था। 22 अप्रैल को देवेंद्र के पिता घर पहुंचे। वहां पर ताला टूटा हुआ था। 24 को वापसी होने पर देवेंद्र प्रताप ने अपने घर का हाल देखा। सात का गहना और नकदी गायब थी। देवेंद्र ने 27 को करेली थाने में केस दर्ज कराया।

अंधीपुर नाला के पास पकड़े गए
करेली पुलिस के इंस्पेक्टर हरिशंकर मिश्रा को पता चला कि तीनों चोर अंधीपुर नाला के पास हैं। इंस्पेक्टर ने पुलिस टीम के साथ घेराबंदी कर तीनों को हिरासत में ले लिया। अतिशान कसारी मसारी में रहता है। जबकि कैश और बंटा भी वहीं के रहने वाले हैं। तीनों के कब्जे से करीब पंद्रह लाख रुपये के गहने और नकदी बरामद की गई है। पुलिस टीम में दारोगा सचिनदेव वर्मा, दारोगा अजय सिंह, वर्मा, दारोगा बनवारी लाल और शिवम शामिल रहे।

कम उमर में शुरू कर दी चोरी
गैंग सरगना अतिशान एक बार करेली थाने से और एक बार धूमनगंज थाने से जेल जा चुका है। 2017 में अतिशान के खिलाफ धूमनगंज थाने में पहला केस दर्ज किया गया। तब अतिशान की उमर 14 साल थी। वर्तमान में अतिशान की उमर 22 साल है।

10
केस दर्ज है अतिशान पर
9
केस दर्ज है कैश पर
4
केस में वांछित था बंटा
20
लाख का माल पार किया चार वारदात में
15
लाख के गहने और नकदी बरामद

तीनों ने चोरी की चार वारदात को अंजाम दिया। चारों चोरी में मकान में ताला बंद था। तीनों ने मिलकर बंद मकानों के ताले तोड़े, इसके बाद सामान समेट कर भाग निकले। तीनों को पकड़ लिया गया है। कब्जे से गहने और नकदी बरामद की गई है।
पुष्कर वर्मा
एसीपी अतरसुइया