प्रयागराज (ब्यूरो)। मंडल महाप्रबंधक ने बताया कि जल्द ही कोटे की दुकानों की साथ आंगनबाड़ी केंद्रों में फारटीफाइड चावल वितरित किए जाएंगे। इसमें आयरन, फोलिक एसिड एवं विटामिन बी-12 मौजूद है जो कि स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। खाद्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश में प्रत्येक दूसरी महिला एनिमिया जबकि तीसरा बच्चा छोटे कद की समस्या से परेशान है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए फारटीफाइड चावल वितरित करने का निर्देश दिया है। अभी तक एफसीआई द्वारा मिड डे मिल एवं एनएफएसए योजनाओं में एफआरके राइस का वितरण किया जा रहा है।
डोर स्टेप डिलेवरी जल्द
कोटेदारों से लेकर राशन कार्डधारकों को अब अनाज पाने के लिए गोदाम से लेकर दुकान तक चक्कर काटने की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। राशन दुकानों से कार्डधारकों को वितरित होने वाला खाद्यान्न कोटेदारों को अब सिंगल डोर स्टेप डिलेवरी योजना के माध्यम से सीधे उपलब्ध कराया जाएगा। अगले माह तक इसके संचालन से कोटेदारों को गोदामों का चक्कर काटने के साथ पल्लेदारी तथा परिवहन भाड़ा चुकाने से भी राहत मिलेगी। इस पूरी कवायद को पूरा करने में भारतीय खाद्य निगम कटिबद्ध है।
गोदामों को देख सकेंगे ऑनलाइन
सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम के जरिए गोदामों को ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। इन कैमरों की मदद से गोदामों में रखे बोरों को चूहों के कुतरने या फिर पल्लेदारों द्वारा बार-बार हुक लगाने से होने वाले लास की निगरानी की जाएगी। यहीं नहीं स्टाक मिलान में भी काफी सहूलियत होगी। यादि गोदाम में बारिश के जरिए नुकसान हो रहा होगा तो इसकी भी जानकारी मिल जाएगी। इसके अलावा गोदामों में आने वाले ट्रकों को लोड व अनलोड के बाद आने वाले भार अंतर को खत्म करने के लिए एक विशेष ट्रैकिंग सिस्टम डवलप किया गया है। इस सिस्टम के जरिए ट्रकों को ट्रेस किया जाएगा।
48 घंटे में कर दिया जाता है भुगतान
ऑनलाइन प्रोक्योरमेंट सिस्टम के माध्यम से किसानों को ऑनलाइन पंजीकृत कर उनसे धन एवं गेहूं की खरीद की जाती है। उक्त प्रोक्योरमेंट सिस्टम को भूलेख से लिंक करते हुए संबंधित किसानों के खाता का ऑनलाइन सत्यापन कर लिया जाता है। खरीद के बाद बिना किसी हार्डकापी लिए किसानों को खरीद के 48 घंटे के अंदर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। इस सिस्टम के जरिए शत-प्रतिशत पारदर्शिता आई है।
नए व पुराने चावल की पहचान के लिए टेस्ट
चावल खरीदते वक्त उसकी गुणवत्ता पहचान के लिए मिक्सड इंडीकेटर मेथड का इस्तेमाल किया जाता है। गुणवत्ता जांच के बाद यह तय हो जाता है कि चावल का यह स्टाक कितने दिनों तक गोदामों में रखा जा सकता है ताकि समय रहते उसकी डिलेवरी करा दी जाए। इस तकनीक से पुराने चावल की रीसाइक्लिंग पर नकेल कसने में भी मदद मिलेगी।
आंकड़े एक नजर में
19 डिविजनल आफिस हैं एफसीआई के पूरे उप्र में
इलाहाबाद मंडल से कोआर्डिनेट होतें है ये चार जिले प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर
प्रयागराज में एफसीआई के चार गोदाम, तीन नैनी, एक आलोपीबाग
कौशांबी में मंझनपुर व महुली
प्रतापगढ़ में रानीगंज
फतेहुपुर- पक्कातालाब, जहानाबादइन सभी गोदामों की कुल क्षमता- 236307 मीट्रिक टन फैलेक्सिबल