इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में 1984 से 1987 तक रहे कुलपति
अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक भूगोलविद के रूप में रही प्रो। मिश्र की पहचान
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PRAYAGRAJ: इलाहाबद यूनिवर्सिटी के के पूर्व कुलपति प्रो। रामेश्वर प्रसाद मिश्र का शुक्रवार को निधन हो गया। प्रो। मिश्र अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक भूगोलविद के रूप में पहचान रखते थे। प्रो। मिश्र ने 94 वर्ष की आयु में सिटी में अपने आवास पर आखिरी सांस ली। वह वर्ष 1984 से 1987 तक इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति रहे। उनके निधन का समाचार मिलते ही पूरे शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ही की थी पढ़ाई
मूलरूप से प्रतापगढ़ के रामपुर संग्रामगढ़ स्थित हनुमानपुर गांव के रहने वाले प्रोफेसर आरपी मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेजुएशन व पीजी की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह तीन साल तक लोकसभा सचिवालय और नई दिल्ली में सहायक के पद पर कार्यरत रहे। इसके बाद राष्ट्रीय एटलस संगठन, वैज्ञानिक अनुसंधान और सांस्कृतिक मामलों के मंत्रालय से जुड़े रहे। देहरादून में तैनाती के दौरान आगरा विश्वविद्यालय से सम्बद्ध डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय की सांध्यकालीन कक्षाओं से भूगोल से एमए की पढ़ाई की। उन्हें यूनिवíसटी ऑफ मैरीलैंड, कॉलेज पार्क यूएसए और यूएस एजुकेशनल फाउंडेशन की फुलबाइट रिसर्च असिस्टेंटशिप दी गई थी। अपने शोध के लिए उन्होंने मैरीलैंड यूनिवíसटी जॉइन किया। वहां से लौटने पर वह मैसूर यूनिवर्सिटी में भूगोल विभाग के एचओडी बनाए गए। इसके बाद 1972 में फोर्ड फाउंडेशन नई दिल्ली से अनुदान लेकर विकास अध्ययन का एक अंत विषय संस्थान शुरू किया। 1976 तक विकास अध्ययन केंद्र सरकार और यूनिवर्सिटी के बीच कड़ी बने रहे।
बोस्टर्न व पिट्सबर्ग से मिली थी जॉब की आफर
प्रो। आरपी मिश्र के शोध का असर ये रहा है कि उन्हें योजना और विकास के क्षेत्र में उनक कार्य इतना प्रसिद्ध हुआ कि यूएसए में बोस्टर्न और पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी ने प्रोफेसर के रूप में उन्हें आमंत्रित किया। उन्होंने विदेशों में भी इस अवधि पर कई महत्वपूर्ण पद का निर्वहन किया। 1984 में भारत लौटने पर उन्हें इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का कुलपति नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने यहां पृथ्वी विज्ञान, मानव विज्ञान, पर्यावरण अध्ययन, गांधीवादी अध्ययन और शांति अनुसंधान की स्थापना की। 1987 में कार्यकाल खत्म होने पर दिल्ली यूनिवर्सिटी चले गए। प्रो। मिश्र को भूगोल रत्न पुरस्कार के अलावा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा जा चुका है। शुक्रवार को स्टेनली रोड स्थित आवास पर वह अपने पीछे तीन बेटों प्रो। कमलेश मिश्र, प्रो। सुरेश मिश्र, ब्रजेश मिश्र और दो बेटियों का भरापूरा परिवार छोड़ गए।