पूर्व छात्र का सिर फटा, कईयों को आई चोट, 15 गाडिय़ां की गयीं आग के हवाले
राहगीरों के वाहनों पर भी किया गया पथराव, कई के शीशे टूट, डर और दहशत का माहौल
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने कहा, पुलिस खामोश होकर देखती रही सब
प्रयागराज (ब्यूरो)। एक तरफ गार्ड थे और दूसरी तरफ खुद को छात्र बताने वाले युवा। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। जैसे तैसे मामले को शांत कराया। घटना के यूनिवर्सिटी के एक छात्र नेता का सिर फट गया। कैंपस और बाहर दोनों स्थान पर तनाव की स्थिति कायम हो गयी। दोनों पक्षों ने घटना के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार बताया है। पुलिस कमिश्नर का कहना है कि इलेक्ट्रानिक एवीडेंट को खंगाला जा रहा है। घटना के समय बनाकर वायरल किये गये वीडियो की जांच हो रहा है। जो भी गलत पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। समाचार लिखे जाने के समय तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने इस प्रकरण में पुलिस के रवैये की आलोचना की है।
विंटर वेकेशन हो चुका है घोषित
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में विंटर वेकेशन घोषित हो चुका है। क्लासेज बंद हो चुकी हैं। छात्रों के साथ टीचर्स का मूवमेंट भी इसके चलते कम हो गया है। चुनिन्दा लोग ही कैंपस में इंट्री कर रहे हैं। छात्र संघ भवन गेट के भीतर बढ़ी हुई फीस वापस लेने और यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ बहाल करने की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन और अनशन अभी भी छात्र नेता अजय सम्राट के नेतृत्व में जारी है। घायल का नाम विवेकानंद पाठक बताया गया है। वह इलाहाबाद यूनिसर्विटी की छात्र राजनीति में इनवाल्व रह चुका है। वर्तमान समय में वह कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हुआ है। उसका कहना है कि छात्र रहने के साथ स्टेट बैंक में उसका खाता खुला था। कैंपस की ब्रांच में उसे कुछ काम था। इसी के चलते वह कैंपस पहुंचा था। गार्डों ने उसके साथ बदसलूकी की। गेट पर हाट टॉक सुनकर अनशन और प्रदर्शन पर बैठे छात्र गेट के पास पहुंच गये। इसके बाद विवेकानंद ने अपनी गाड़ी बाहर ही पार्क की और पैदल ही कैंपस में इंट्री ली। तब तक सूचना पाकर कर्नलगंज पुलिस मौके पर पहुंच गयी। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर अलग कराया और वापस लौट गयी।
गार्डों ने घरकर शुरू कर दिया पीटना
पुलिस के जाने के बाद छात्र नेता अपने साथियों के साथ बैंक में चला गया। उसके साथ अनशन और प्रदर्शन करने वाले भी चले गये। ये लोग लौटे तब तक पुलिस जा चुकी थी। पिटने वालों का आरोप है कि वे वापस लौटे तो गार्डों ने घेर लिया और गालियां देने लगे। उन्होंने विरोध किया तो पिटाई शुरू कर दी। गार्डों ने बेहताशा लाठियां बरसाईं और दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। जैसे तैसे वे जान बचाकर वहां से निकले। इन लोगों का आरोप था कि गार्डों की तरफ से ही फायरिंग भी की गयी है।
छात्रों की पिटायी के बाद बढ़ा उपद्रव
पूर्व छात्र नेता के घायल होने की सूचना के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस का माहौल बदल गया। तोडफ़ोड़ और आगजनी शुरू हो गयी। गाडिय़ों को पलटना शुरू कर दिया गया। कुछ गाडिय़ों को आग के हवाले कर दिया। 15 से अधिक दो पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया। छात्रों उग्र प्रदर्शन को देखते हुए पूरे जिले की पुलिस व पीएसी बुलानी पड़ी। आधे से एक घंटे के भीतर पूरा कैंपस छावनी में तब्दील हो गया। घायल पूर्व छात्र नेता विवेकानंद पाठक खून से लथपथ कैंपस में अनशन पर बैठा रहा। अधिकारियों के समझने पर काफी देर बाद मेडिकल के लिए गया।
पुलिस कर्मियों पर चलाए पत्थर
इसकी जानकारी जब अन्य छात्रों को हुई तो हजारों की संख्या में छात्र आ गए। रास्ते में जो भी गाड़ी दिखाई पड़ती, सीधे तोडफ़ोड़ करना शुरू कर देते। कई कमरों की खिड़कियां तोड़ दी। गमलों को भी ईट-पत्थर व पैर से मार कर तोड़ दिया। पुलिस ने समझना व रोकना चाहा तो छात्र उग्र हो गए। उन्होंने समझा रहे पुलिस कर्मियों पर भी पथराव करने लगे। इस दौरान एयू के दो किलोमीटर के दायरे की सभी दुकानें आनन-फानन में बंद हो गयीं। शटर गिराकर दुकानदार हट बढ़ गये। कुछ दुकान बंद कर घर निकल गए। कुछ छात्रों का गु्रप दुकान बंद कराने के मार्केट में घूमता रहा। ज्यादातर छात्रों के हाथ में लाठी-डंडा तक मौजूद था। छात्रों की तरफ से तमाम व्हाट्सएप गु्रप में सुरक्षाकर्मियों द्वारा छात्र को पीटने का मैसेज तेजी से सर्कुलेट होने लगा। जिसके चलते दूरदराज से कार व बाइक तक से काफी छात्र पहुंच गए। जिसमें पूर्व छात्र व बाहरी भी शामिल थे।
ग्रुप बनाकर कई जगह की तोडफ़ोड़
यूनिवर्सिटी की पीआरओ जया कपूर की तरफ से इस पर ऑफिशियल बायन भी जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कुछ उपद्रवी तत्वों की ओर से विश्वविद्यालय गेट का ताला तोडऩे की कोशिश की गई। रोकने पर सुरक्षा कर्मियों से बदसलूकी और मारपीट की गयी। इसके बाद उपद्रवियों ने गु्रप बनाकर परिसर में तमाम जगहों पर तोडफ़ोड़ और आगजनी की। परिसर के अंदर खड़े कई दो पहिया वाहन में आग लगा दी गई। दो शिक्षकों के चार पहिया में तोडफ़ोड़ की गई। इससे परिसर में भय और अराजकता का माहौल हो गया। उपद्रवी तत्व यहां के छात्र नहीं है। कैंटीन में भी आगजनी की गई। इसके साथ ही वे फायरिंग भी कर रहे थे। उनकी तरफ से पुलिस के मूकदर्शक बने रहने पर सवाल खड़े किये गये हैं।
पुलिस घटना की बारीकी से जांच करेगी। इलेक्ट्रानिक एवीडेंट भी जुटाए जाएंगे। छात्रों की भी बात की जाएगी। अभी मुकदमा लिखा जायेगा। एवीडेंस के आधार पर गिरफ्तारी की जाएगी। अभी न तो किसी को हिरासत में लिया गया है और न किसी की गिरफ्तारी हुई है।
रमित शर्मा पुलिस कमिश्नर, प्रयागराज