प्रयागराज (ब्यूरो)प्रदेश सरकार द्वारा अच्छे आचरण के चलते जारी किये गये सजा माफी आदेश पर गुरुवार को पूर्व भाजपा विधायक उदयभान करवरिया नैनी सेंट्रल से बाहर आ गये। जेल गेट पर उन्हें रिसीव करने के लिए उनकी पत्नी पूर्व विधायक नीलम करवरिया और बेटे के साथ कुछ समर्थक भी पहुंचे थे। सुबह साढ़े सात बजे जेल से रिहा होकर वह अपने आवास पहुंचे तो वहां तमाम लोग उनसे मिलने के लिए पहुंच गये।

अच्छे चाल चलन से समय पूर्व रिहाई
उदयभान करवरिया, उनके बड़े भाई पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, छोटे भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कौशांबी सूरजभान करवरिया के अलावा रिश्तेदार रामचंद्र (कल्लू) को 13 अगस्त 1996 को सिविल लाइंस में हुए विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित की हत्या के मामले में चार नवंबर 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हालांकि वह 2014 से ही जेल में बंद थे। एकाध बार उन्हें पेरोल पर बाहर आने का मौका मिला लेकिन इसके बाद का समय जेल में ही बीता। उनके दोनो सगे भाई भी वर्तमान समय में जेल में बंद हैं। पिछले साल सरकार ने उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने का प्रयास किया था लेकिन जवाहर यादव की पत्नी सपा विधायक विजमा यादव के हाई कोर्ट तक चले जाने के बाद यह संभव नहीं हो पाया था। इधर बीच उदयभान की पत्नी ने अपनी बीमारी का हवाला देते हुए राज्य सरकार से पति की समय पूर्व रिहाई की गुहार लगायी थी। सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी देकर गवर्नर के पास भेज दिया था। बुधवार की रात डीएम की तरफ से हस्ताक्षर होने के बाद गुरुवार की सुबह उदयभान करवरिया की रिहाई के समय उनकी पत्नी नीलम करवरिया, बेटा सक्षम, भतीजा गौरव करवरिया व भतीजी समेत परिवार के अन्य सदस्य और समर्थक जेल गेट पर मौजूद थे।

बता नहीं सकता जेल में कैसा बीता वक्त
जेल से बाहर निकलने पर परिवार के सदस्यों के साथ ही समर्थकों से मिले। पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा जिसका पूरा परिवार बीते दस सालों से जेल में हो, उसके ऊपर क्या गुजरेगी, उसे शब्दों में नहीं व्यक्त किया जा सकता है। वे और उनका परिवार राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार हुआ। अपराध से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहा। प्राथमिकता क्या होगी? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पत्नी को लिवर सिरोसिस है। उनका लीवर ट्रांसप्लांट कराना है। आगे की राजनीत की जिम्मेदारी अब परिवार की युवा पीढ़ी उठाएगी।

दो सगे भाई व एक रिश्तेदार अभी भी जेल में
विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित की हत्या के मामले में पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, पूर्व विधायक उदयभान करवरिया, पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया व रिश्तेदार रामचंद्र (कल्लू) नामजद हुए थे। वर्ष 2014 में वारंट जारी होने के बाद उदयभान करवरिया ने आत्मसमर्पण किया था। अब उनकी रिहाई के बाद जेल में कपिलमुनि, सूरजभान करवरिया व रामचंद्र बंद हैं।