प्रयागराज (ब्यूरो)। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के चीफ प्राक्टर और कर्मचारियों द्वारा किए गए दुव्र्यहार पर नाराजगी जताते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने इलाहाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के समक्ष अर्जी देकर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उनकी अर्जी पर कोर्ट ने कर्नलगंज थाने से आख्या मांगी है। साथ ही सुनवाई के लिए तीन दिसंबर की तारीख तय की है।
गैर कानूनी ढंग से रोका
सीजेएम के समक्ष दाखिल अर्जी में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि वह 25 जुलाई को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उत्पीडऩ का आरोप लगाकर धरना-प्रदर्शन करने वाले छात्रों से मिलने जा रहे थे लेकिन चीफ प्राक्टर और अन्य कर्मियों ने उन्हें विश्वविद्यालय के बाहर सड़क पर गैर कानूनी ढंग से रोक दिया। उनके साथ दुव्र्यवहार करते हुए विश्वविद्यालय का प्रवेशद्वार बंद कर अंदर जाने से मना कर दिया। चीफ प्राक्टर और अन्य कर्मचारियों के इस दुव्र्यवहार की शिकायत उन्होंने कर्नलगंज थाने में की लेकिन थाने में उनकी शिकायत दर्ज नही की गई। तब वह कोर्ट की शरण में आए हैं।
पूर्व आइपीएस ने छात्रों से किया मुलाकात
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने गुरुवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय जाकर छात्र नेता अजय यादव तथा उनके साथ कई महीने बाद जेल से छूट कर आने वाले छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने इवि में वर्तमान में प्रचलित समस्याओं को दूर करने और छात्रों को न्याय दिलाने के लिए इन छात्रों के साथ मिलकर आगे की रणनीति पर विस्तृत विचार विमर्श किया। इस दौरान अमिताभ ठाकुर विवि प्रशासन को पत्र लिखकर परिसर में प्रतिबंध लगाए जाने का आधार पूछा। विश्वविद्यालय के प्राक्टर डा। राकेश ङ्क्षसह ने पत्र के जवाब में कहा कि विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार प्रवेश की अनुमति सशर्त अनुमति दी थी पर नियमों का पालन नहीं किया गया और कोई शपथपत्र भी नहीं दिया गया। ऐसे में बार-बार पत्र भेज कर और विश्वविद्यालय गेट पर आकर विद्यार्थियों, शिक्षकों और अन्य अधिकारियों सहित विश्वविद्यालय के कार्यों को बाधित न किया जाए। प्राक्टर ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास इन निरर्थक पत्रों का बार-बार उत्तर देने का समय नहीं है।