प्रयागराज (ब्यूरो)। जानकारी के मुताबिक 102 एंबुलेंस सेवा प्रसूताओं और 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह दोनों एंबुलेंस निशुल्क सेवा प्रदान करती हैं और टोल फ्री नंबर डायल करने पर मिनटों में स्पॉट पर पहुंचती हैं। लेकिन शिकायत में कहा गया है कि शासन के द्वारा सेवा प्रदाता एजेंसी को प्रति मरीज की दर से भुगतान किया जाता है। इसको लेकर सेवा प्रदाता एजेंसी की ओर से एंबुलेंस स्टाफ पर फर्जीवाड़ा करने का दबाव बनाया जाता है। जीपीएस सिस्टम को धोखा देेने के लिए खाली एंबुलेंस को सड़क पर दौड़ाया जाता है।
विशेष दिवस पर विशेष फर्जीवाड़ा
शिकायत में कहा गया है कि सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा महीने में समय समय पर एचआरपी और वेलनेस डे का आयोजन किया जाता है। इस दिन अधिक संख्या में फर्जी मरीजों का नाम दर्ज कराया जाता है। आमतौर पर प्रतिदिन एंबुलेंस स्टाफ पर कम से कम बीस केस दिखाने का दबाव बनाया जाता है। इस संबंध में प्रयागराज एंबुलेंस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आशीष मिश्रा ने सीएमओ डॉ। नानक सरन को शुक्रवार को ज्ञापन सौंपा है। उधर शासन के निर्देश पर यूपी के सभी जिलों के अपर निदेशक व सीएमओ को को मामले की जांच कराकर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है। जांच में फरवरी, मार्च और अप्रैल के रिकार्ड का मिलान किया जाएगा। इस दौरान मरीजों के अंकित आधार कार्ड और मोबाइल नंबर आदि की जांच की जाएगी।