बाढ़ के बाद कराह रहा करेली, सफाई अभियान की स्पीड है धीमी
चोक सीवर है बड़ी समस्या, गौसनगर एरिया के लोग भी परेशान
ALLAHABAD: बाढ़ उतरने के बाद भी करेली का बाढ़ प्रभावित इलाका कराह रहा है। अभी तक जो राहत कार्य हुआ है वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। करेली के गौसनगर स्थित जफीर की पुलिया के बाशिंदों का यही कहना है। शुक्रवार को लोगों ने आईनेक्स्ट से अपना दर्द शेयर किया।
नहीं आ रहे सफाई करने वाले
जफीर की पुलिया एरिया में करीब 500 से अधिक परिवार रहते हैं। इनमें ज्यादातर की यही शिकायत है कि बाढ़ के बाद अब सफाई व्यवस्था बिल्कुल खराब है। सफाई कर्मचारी आते नहीं हैं। आते भी हैं तो हल्का-फुल्का झाड़ू मारकर चले जाते हैं। कूड़े का ढेर लगा हुआ है। लोगों को खुद नाले व सीवर की सफाई करनी पड़ रही है। सफाई कर्मचारी पैसे की मांग करते हैं।
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हमने खुद साफ किया सीवर व नाला
सफाई कर्मचारी एक-दो दिन बाद आते भी हैं तो सफाई करने के बदले पैसे की मांग करते हैं। अब सफाई के लिए भी हमें पैसा देना पड़े तो इससे अच्छा रहेगा कि हम ही सफाई कर लें।
चंदा
बाढ़ के बाद हम बीमारी और गंदगी का सामना कर रहे हैं। बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। जिनका इलाज चल रहा है। दिन में जब धूप रहती है तो गंदगी से निकल रहे बदबू की वजह से सांस लेने में काफी दिक्कत होती है।
खुशनुमा
हमें अपने घर के साथ ही सीवर व नाले की सफाई खुद करनी पड़ रही है। क्योंकि ऐसा करना हमारी मजबूरी है। अगर न करें तो घर में न रह पाएं। सीवर लाइन बैक फ्लो करके पानी घर में घुस रहा है।
रुकसाना
करेली के जिन इलाकों ने सबसे अधिक बाढ़ का प्रकोप झेला उनमें, गौस नगर का जफीर की पुलिया का इलाका एक है। लेकिन बाढ़ के बाद राहत कार्य यहां अभी भी शून्य है। राहत सामग्री बांटी जा रही है, लेकिन हम लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है।
नूर अहमद
बाढ़ का पानी तो निकल गया, अब सीवर का पानी परेशान कर रहा है। चैन से जीने नहीं दे रहा है। क्योंकि गंदगी की वजह से सीवर लाइन चोक हो चुका है, जो अक्सर बैक फ्लो करने लगता है। घरों में पानी घुस जाता है।
सरवर
अभी भी मोहल्ले में चारों तरफ मैदानों में व खाली प्लॉटों में पानी भरा हुआ है। जहां मच्छरों के साथ ही कीड़े पनप रहे हैं। जिनकी वजह से बीमारी फैल रही है। लेकिन न तो दवाओं का वितरण किया जा रहा है और न ही दवा का छिड़काव हुआ।
शेखू