खतरे के निशान से नीचे गंगा व यमुना, दोनों नदियों में तेजी से घट रहे जलस्तर को देख बाढ़ प्रभावित लोगों में खुशी

घरों में गंदगी और सिल्ट, सड़कों व मार्गो पर कीचड़ व फिसलन से फजीहत

PRAYAGRAJ: गंगा और यमुना में आई बाढ़ का जलस्तर तेजी से नीचे खिसकने लगा है। शनिवार को दोनों नदियों का पानी डेंजर लेवल से दो से डेढ़ मीटर नीचे रेकार्ड किया गया। पानी के घटने से घर छोड़ कर बाहर शरण लेने वालों के चेहरे पर खुशी दिखने लगी है। उम्मीद जता रहे हैं कि दो से तीन दिन में तराई बेल्ट के ज्यादातर हिस्सों से पानी हट जाएगा। मौजूदा समय में जितनी दूर तक पानी हटा है वहां गंदगी का आलम है। बाढ़ प्रभावित लोगों के सामने अब सफाई का संकट और गंदगी से बीमारी फैलने का भय है। बाढ़ का पानी कम होने के बावजूद सफाई कार्य में सुस्ती देखने को मिल रही है। एक तरफ राहत तो दूसरी तरफ लोगों के लिए गंदगी आफत बनी हुई है।

घट रहे जलस्तर

फाफामऊ में गंगा का पानी डेंजर लेवल 84.73 से घट कर 83. 84 मीटर पर आ गया है। यानी कि करीब एक से डेढ़ मीटर बाढ़ का पानी यहां गंगा नदी में घटना है। मौजूदा समय में छतनाग में जल स्तर 82.91 रेकार्ड किया गया है। इसी तरह यमुना नदी नैनी में जल स्तर शनिवार शाम छह बजे तक 83.62 मीटर दर्ज किया गया। जबकि यहां भी डेंजर लेवल 84.73 है। आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि दोनों नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है। प्रति दो घंटे में फाफामऊ में 12 सेंटीमीटर व छतनाग में 13 सेंटीमीटर और नैनी यमुना में 10 सेंटीमीटर की रफ्तार से पानी घट रहा है।

अब सफाई और बीमारी की चिंता

दोनों नदियों में बाढ़ का पानी घटने से शहर के तराई वाले कई मोहल्लों में घुसा पानी भी काफी दूर तक खिसक गया है।

घट रहे बाढ़ के जलस्तर को देखते हुए डूबे हुए घरों को छोड़ कर बाहर रहने वालों के चेहरे पर मुस्कान दिखने लगी है।

पिछले करीब एक हफ्ते से गंगा और यमुना में बाढ़ की वजह से दारागंज, छोटा बघाड़ा, गोविन्दपुर, शिवकुटी, रसूलाबाद, बेली कछार, राजापुर गंगानगर व उचवा गढ़ी, अशोक नगर, धूमनगंज व करेली के कई इलाके, बलुआघाट, किला के पास से होते हुए दारागंज यानी चारों तरफ के तराई वाले हिस्से बाढ़ में डूब गए थे।

हजारों मकानों के एक फ्लोर तक पानी चढ़ गया था। मकान के डूबने की वजह से ज्यादातर लोग घरों को छोड़ कर गांव चले गए, जो बचे या घर दूर रहे उनमें कुछ शहर के स्कूलों में शरण लिए जबकि तमाम दूसरे व तीसरे फ्लोर पर बाढ़ में भी बरस कर रहे हैं।

इन मोहल्लों में जहां तक बाढ़ का पानी कम हो गया है अब वहां गंदगी से बीमारी का खतरा बढ़ गया है।

सफाई कार्य चल रहा मगर स्थिति काफी सुस्त बताई जा रही है। इससे लोगों में असंतोष के भाव भी पैदा हो रहे हैं।