गांवों से बंद हो चुकी है सब्जी की आवक, 20 फीसद तक बढ़े दाम
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ALLAHABAD: बाढ़ की त्रासदी झेल रहे शहर को अब महंगाई भी रुलाने लगी है। बाढ़ के साथ चलकर आई महंगाई ने सब्जियों के दाम को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है। फुटकर मार्केट में सब्जियों का भाव 20 फीसदी तक चढ़ गया है। इससे जहां किचन का बजट बिगड़ गया है, वहीं थाली का स्वाद भी फीका हो गया है।
फसल पर बाढ़ का कहर
गंगा-यमुना के कछारी इलाकों के साथ ही फूलपुर तहसील के दर्जनों गांवों में बड़ी संख्या में सब्जियों की खेती होती है। बाढ़ की वजह से आधा से ज्यादा कछारी इलाका पानी में डूब चुका है। इसकी वजह से धान के साथ ही टमाटर, मिर्च, लौकी, कद्दू, पालक, भिंडी करेला की फसल बर्बाद हो चुकी है। फूलपुर के साथ ही फाफामऊ, करछना, मेजा, मांडा आदि इलाकों से भी पर डे शहर में आने वाली सब्जियों की खेप बंद हो चुकी है। क्योंकि फसल तो बर्बाद ही हो चुकी है। सब्जियों को शहर में लाने का रास्ता भी बंद हो चुका है।
केवल बाहर से आ रही हैं सब्जियां
शहर से सटे गांवों से मण्डियों में आने वाले सब्जी की आवक कम हो गई है। टमाटर, प्याज, लहसुन के साथ ही फलों की खेप बाहर के राज्यों से आ रही है। हालात नहीं सुधरे तो इनके दामों में और बढ़ोत्तरी हो सकती है। हालांकि मुंडेरा और खुल्दाबाद सब्जी मंडी में सब्जियों के भाव अधिक नहीं बढ़े हैं। लेकिन फुटकर दुकानदारों ने बाढ़ को बहाना बनाकर दाम सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है। बुधवार को लोकनाथ इलाके में सब्जी विक्रेताओं ने करेला, भिण्डी, पालक, खीरा आदि सब्जियों का भाव अचानक दुगुना कर दिया। लोगों ने विरोध किया तो बाढ़ का बहाना बना दिया।
सब्जियों के भाव बढ़े
सब्जी पहले अब
करेला 30-40 60-80 रुपए प्रति किलो
भिंडी 40 60
बैगन 35 70
पालक 20 40
टमाटर 25 30-40
सेब 80 120
केला 30 60 रुपए प्रति दर्जन
परमिट न मिलने से बढ़ी मुश्किल
बाढ़ के इन हालात में कमिश्नर द्वारा आरटीओ के अधिकार सीज करते हुए नई परमिट पर रोक लगा देना महंगाई को बढ़ा रहा है। गल्ला, रेडीमेड, इलेक्ट्रानिक, स्टेशनरी, गैस व पेट्रोल आदि की लोडेड गाडि़यां शहर में न आ पाने से इन सामानों के भाव भी जल्द ही बढ़ सकते हैं। क्योंकि लोडेड गाडि़यां विभिन्न राज्यों व शहरों में जगह-जगह खड़ी हैं। परमिट न मिलने पाने से शहर में नहीं आ पा रही हैं।
जल्द ही बढ़ेगी क्राइसिस
ट्रकों के न शहर में न आने से सामानों की क्राइसेस होगी तो महंगाई के साथ कालाबाजारी भी बढ़ेगी। इसे लेकर व्यापारियों में आक्रोश है। परमिट जारी करने पर रोक लगाने का आदेश जारी करने वाले कमिश्नर से व्यापारी कई बार मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया है।
कमिश्नर के एक आदेश की वजह से व्यापारियों को लाखों का नुकसान हो रहा है। गाड़ी चलाने वालों के सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है। ट्रांसपोर्टेशन न होने से सामानों का भाव बढ़ सकता है।
संतोष पनामा
व्यापारी नेता
कछार क्षेत्र से शहर में आने वाले सब्जियों की आवक कम हो गई है। इसकी वजह से सब्जियों के भाव में 20 फीसदी तक वृद्धि हुई है। आने वाले दिनों में भाव और चढ़ेंगे क्योंकि कछार की फसल चौपट हो चुकी है।
राजकुमार पांडेय
फैक्ट फाइल
जिले की आठ तहसीलों पर है बाढ़ का व्यापक असर
11 हजार हेक्टयर कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में है
9 हजार हेक्टेयर में बोयी गयी फसल पूरी तरह से चौपट