प्रयागराज (ब्यूरो)। जिले में 46 लाख लोगों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य है और इसमें से 41 लाख लोग संतृप्त हो चुके हैं। यह एचीवमेंट धीमी गति से आया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे थे। यही कारण है कि एएनएम की टीमें बनाई गई हैं। एक टीम एक दिन में कम से कम पचास लोगों को कोरोना वैक्सीनेशन की पहली डोज लगवाएगी। यह फंडा शहर के मोहल्लों से लेकर ग्राम पंचायतों पर समान रूप से लागू होगा।
हेड बनाए गए एचईओ
इतना ही नही, सभी जगह पर एचईओ यानी हेल्थ एजूकेशन आफिसर्स को हेड बनाया गया है। इनको वैक्सीनेशन के फिजिकल वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी दी गई है। शहर से लेकर हर ब्लॉक पर रोजाना टारगेट भी फिक्स किया जा रहा है। अगर टारगेट से कम वैक्सीनेशन हुआ तो इसकी रिपोर्ट डीएम और कमिश्नर को भेज दी जाएगी। जिस पर कार्रवाई भी हो सकती है। इतना ही नही मोहल्लों और ब्लॉकों को रेटिंग भी जारी की जा रही है। जहां अधिक वैक्सीनेशन होगा उसे प्रेरणादायक के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
आसान नही है लक्ष्य पाना
प्रयागराज को दिसंबर से पहले 46 लाख वैक्सीनेशन के लक्ष्य को एचीव करने को कहा गया है। लेकिन ऐसा होता नही दिख रहा है। इसे पूरा करने के लिए जिले भर में एएनएम और आशा की 800 टीमों का गठन किया गया है। यह टीमें रोजाना लक्ष्य लेकर निकल रही हैं। विभाग का दावा है कि समय रहते 46 लाख से अधिक वैक्सीनेशन करा लिया जाएगा। जिन एरिया में वैक्सीनेशन का ग्राफ बहुत कम है वहां पर धर्मगुरुओं की मदद ली जा रही है।
दूसरी डोज वाले बने दिक्कत
जिले में पहली डोज वालों की संख्या 30 लाख के आसपास है जबकि सेकंड डोज वालों की संख्या 11 लाख है। इस तीन गुने अंतर ने भी कई सवाल खड़े किए हैं। अगर विभाग पहली डोज के लक्ष्य को एचीव भी कर लेता है तो दूसरी डोज वालों की वजह से पिछडऩे में टाइम नही लगेगा। बहुत से लोग हैं जो पहली डोज लगवाकर लापरवाही कर रहे हैं। इनके पास दूसरी डोज लगवाने का समय नही है।
टीमें बनाकर लक्ष्य देने का असर दिखने लगा है। मंगलवार को शाम तक 54 हजार लोगों को टीका लग चुका है। देर रात तक आंकड़ा बढ़ेगा। गली-मोहल्लों में वैक्सीनेशन होने से लोगों को घर से बाहर आना पड़ रहा है।
डॉ। तीरथ लाल, वैक्सीनेशन प्रभारी स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज